झारखंड विधानसभा में हंगामा उस समय तेज हो गया जब भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता ने आरोप लगाया कि राज्य में उचित मूल्य पर बालू मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पुलिस कानून व्यवस्था देखने के बजाय ट्रक और ट्रैक्टर जब्त करने में लगी है। इस पर मंत्री योगेंद्र महतो ने जवाब दिया कि सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कम दर पर MDO का चयन किया है और 370 बालू घाटों पर मात्र 100 रुपये में 100 CFT बालू उपलब्ध कराया जा रहा है।
मेहता के बाद भाजपा विधायक नवीन जायसवाल और शशिभूषण कुशवाहा ने भी सरकार को घेरा और कहा कि मंत्री गलत जानकारी दे रहे हैं। विपक्ष ने सदन में बालू बिक्री की पूरी सूची पेश करने की मांग की। इससे सदन में जमकर नोकझोंक हुई।
हंगामे के बीच कई अन्य मुद्दे भी उठे। बीजेपी विधायकों ने धान क्रय मूल्य 2450 रुपये तय करने का विरोध किया और सरकार को 3200 रुपये के पुराने वादे की याद दिलाई। वहीं, MBBS एडमिशन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का सवाल भी जोरदार तरीके से उठा।
झारखंड विधानसभा में हंगामा का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को लेकर रहा। धनबाद में डायलिसिस मशीनों की कमी, अस्पतालों की गंदगी और सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की देरी पर रागिनी सिंह ने सरकार को घेरा। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने आश्वासन दिया कि बढ़ती जरूरतों को देखते हुए अतिरिक्त मशीनें लगाई जाएंगी और सुपरस्पेशलिटी अस्पताल जल्द शुरू होगा।
विधायक राज सिन्हा ने वृद्धजनों के लिए खरीदे गए ऑर्थोपेडिक कैलीपर्स की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया, जिस पर मंत्री ने जांच का आदेश दिया।
शिक्षा क्षेत्र भी बहस के केंद्र में रहा। वित्तहीन शिक्षण संस्थानों को अनुदान, साहेबगंज में ट्रामा सेंटर और दुमका में केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग उठी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक और कर्मचारियों की कमी जल्द दूर की जाएगी।

