Saturday, July 5, 2025

नीतीश कुमार को गांधी का आधा-अधूरा ज्ञान करा रहे हैं बिहार का नुकसान, प्रशांत किशोर ने किया बड़ा खुलासा

- Advertisement -

बिहार में भी अब भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर यात्राओं का दौर शुरू है एक तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा और उसी के साथ राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा. पीके की पदयात्रा की बात करें तो उसे लगभग 118वें दिन पूरे हो चुके हैं . इस पदयात्रा की शुरुआत 2 अक्टूबर 2022 को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से हुई थी . जिसके बाद पदयात्रा पश्चिम चंपारण, शिवहर और पूर्वी चंपारण होते हुए गोपालगंज पहुंची है. प्रशांत किशोर पदयात्रा के जरिये अबतक 1300 किमी से ज्यादा की दूरी तय कर चुके हैं. आज गोपालगंज में पदयात्रा का 13वां दिन है. इस बीच प्रशांत किशोन ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कई खुलासे किए तो वहीं दूसरी तरफ शराब बंदी कानून की आलोचना भी की.

नीतीश कुमार के लेकर हुआ बड़ा खुलासा

पदयात्रा के बीच प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा खुलासा भी किया. उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में ही दिल्ली में नीतीश कुमार मुझे बताया था कि महागठबंधन बनाने जा रहे है. उनका आंकलन था कि यदि वे बीजेपी के साथ रहते हैं तो 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले बीजेपी उन्हें हटाकर ये कहती है अब हमारा मुख्यमंत्री होगा. इसलिए नीतीश कुमार ने 2025 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सुरक्षित रहने के लिए महागठबंधन के साथ चले गए.

नीतीश कुमार इसलिए तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे हैं ताकि 2025 के बाद बिहार के खराब शासन व्यवस्था बने और बिहार की जनता ही कहे कि इससे बढ़िया तो नीतीश कुमार ही थे. नीतीश कुमार का जनता के प्रति ग़ुस्सा है कि उन्होंने इतना काम किया उसके बावजूद जनता ने उन्हें सिर्फ 42 सीटें दी. इसलिए नीतीश कुमार चाहते हैं कि लालू जी का जंगलराज फिर से लौट आए और जनता नीतीश कुमार को फिर इसी बहाने याद करे.

बिहार चुनाव से पहले टूट जाएगा महागठबंधन: पीके

महागठबंधन पर वार करते हुए पीके ने कहा कि महागठबंधन 2015 में हमने बनवाया था तो मैं जानता हूं कि उसे बनाने, चलाने में क्या समस्या और परेशानियां हैं. 2015 में तीन दलों का महागठबंधन था. आज 7 दलों का महागठबंधन बनाया है, और कोई भी ऐसा आदमी नहीं है जो 7 दलों के नेताओं को साथ बैठाकर बात कर सकें. नीतीश कुमार में तो वह क़ाबिलियत कभी रही ही नहीं है. पूरे महागठबंधन बनाने की प्रक्रिया में लालू- नीतीश कुमार कितनी बार मिले हैं, आप रिकॉर्ड देख लीजिए. नीतीश कुमार और लालू यादव तो साथ में बैठकर बात भी नहीं कर सकते हैं. ये लोग कैसे महागठबंधन चलाएंगे.

रामचरितमानस का विवाद RJD की सोची समझी साजिश: पीके

प्रशांत किशोर ने कहा कि रामचरितमानस या कोई धार्मिक ग्रंथों में क्या लिखा हुआ है उसका मैं विशेषज्ञ नहीं हूं. जैसे एक गीता पर 50 भाष्य लिखे गए हैं. और हर आदमी उसकी अलग व्याख्या करता है. प्रशांत ने कहा कि इस विषय पर कोई राजनीति या विवाद नहीं होना चाहिए बल्कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी को यह बताना चाहिए कि वह बिहार के शिक्षा को कैसे सुधार रहे हैं. जिन बच्चों के आकादमिक सत्र 3 साल के बजाय 6 सालों में पूरे हो रहे हैं, उसको कैसे सुधारा जाए. जो चंद्रशेखर कह रहे हैं ये उनका अपना एजेंडा नहीं है, बल्कि यह राजद की सोची समझी रणनीति है. राजद में उनके अलावा दूसरा कोई नेता नहीं है जो चार चौपाई भी ढंग से पढ़ सकता हो. प्रशांत ने सभी लोगों से आग्रह किया कि ऐसी बातों को बिहार में उछालिए मत, इससे किसी का भला नहीं होने वाला है.

शराब बंदी को लेकर पीके ने लिए नीतीश कुमार को आड़े हाथ

सिर्फ इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी का विरोध करते हुए कहा कि हम शराबंदी के विरोध में पहले दिन से हैं. दुनिया में किसी भी देश या भारत के किसी भी विकसित राज्य में ऐसा प्रमाण नहीं है कि शराबबंदी के ज़रिए आप सामाजिक आर्थिक तरक्की कर सकते हैं. दूसरा की कोई भी व्यक्ति मुझे बता दे कि गांधी जी ने कहीं भी ये कहा हो की सरकारों को शराबबंदी लागू करनी चाहिए. ये तो वही तर्क हो गया कि गांधी जी ने कहा हो कि शाकाहारी होना अच्छी बात है, और उसके बदले में सरकार ने मांस का सेवन नहीं करने का कानून बना दिया हो. नीतीश कुमार को गांधी जी का आधा-अधूरा ज्ञान है, इसलिए वे उन्हें हथियार बनाकर शराबबंदी लागू कर रहे हैं. बिहार में शराब की होम डिलीवरी आराम से हो रही है, शराबबंदी होने से राजस्व का बड़ा नुक़सान राज्य को हो रहा है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news