बिहार में जेडीयू महागठबंधन की सरकार के लिए जब मंत्रालयों का एलान हो रहा था तो एक नाम चर्चा में था,वो नाम था हाल ही में अपनी पार्टी को जेडीयू में शामिल करने वाले नेता उपेंद्र कुशवाहा का. राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि नये मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने से उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं और इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार के समय पूरे परिदृश्य से गायब रहे.
मंत्रिमंडल विस्तार के करीब एक सप्ताह के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है उन्होंने नाराजगी की बात करने वालों के लताड़ते हुए लिखा है कि उनके लिए मंत्रिपद नहीं बल्कि विचारधारा महत्वपूर्ण है.
“”मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है।”
बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है। ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराज़गी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है। इतिहास गवाह है मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है। और इसी आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की हो रही साज़िश को नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जद (यू.) में करने का फैसला लिया। क्योंकि हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर श्री नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचार धारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है।
अतः मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है। ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज़ होने की बात करने वाले महानुभावों, मुझ पर कृपा कीजिए, प्लीज़”
दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोर पर थी कि नई सरकार में उपेंद्र कुशवाहा की सीट पक्की है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जातिगत समाकरणों के देखते हुए कयास लगाये जा रहे थे कि मंत्रिमंडल विस्तार में उपेंद्र कुशवाहा को जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसकी वजह ये रही कि जिस कुशवाहा समुदाय से उपेंद्र कुशवाहा आते हैं , वहां से पहले ही मंत्रिमडल में दो विधायक जयंत राज और आलोक महतो को शमिल कर लिया गया था. ऐसे में अगर उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह दी जाती तो किसी और को ड्रॉप करना पडता. अपनी इमेज को लेकर सतर्क रहने वाले नीतीश कुमार ऐसा नहीं करना चाहते थे.खबरों के मुताबिक उफेंद्र कुशवाहा भले ही मंत्रिमंडल विस्तार के समय राजभवन में मौजूद नहीं थे लेकिन उन्होंने नये मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले माननीयों को बधाई दी थी.
नई सरकार के गठन के बाद रोज जिस तरह से नये नये कारनामे और बगावत के सुर सामने रहे हैं , उसके बीच उपेंद्र कुशवाहा का ये पोस्ट सीएम के लिए राहत की बात हो सकती है.
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