पटना, (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ): बिहार सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मचे घमासान के बाच दिल्ली में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और नेता ललन सिंह प्रधानमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आ रही थी कि जल्द सीएम नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फंस रहे पेंच को सुझायेंगे. लेकिन इससे पहले ही ललन सिंह की पीएम से मुलाकात हो गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई शिष्टाचार मुलाकात-ललन सिंह
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात. जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने खुद इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी उन्होंने लिखा, “देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी से उनके कार्यालय में शिष्टाचार मुलाकात हुई.”
इसके साथ ही ललन सिंह ने दो फोटो भी शेयर की है. जिसमें वो पीएम मोदी को फूल देते नज़र आ रहे है. नीतीश कुमार के पार्टी अध्यक्ष पद पर खुद बैठने से पहले तक ये कहा जा रहा था कि ललन सिंह आरजेडी और लालू यादव के करीबी है और वो जडीयू में तोड़ की कोशिश कर रहे हैं.
बिहार में मंत्री पद के बंटवारे को लेकर विवाद की खबर है
इस बीच शुक्रवार को बिहार में एनडीए सरकार बनने के 6 दिन बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं होने के चलते अफवाहों का बाज़ार गर्म है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार में इसको लेकर विवाद है.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने नीतीश कुमार को कहा है कि सरकार चलाने की जिम्मेदारी हमने ली हैं इसलिए बड़े और अहम विभाग हमें मिलना चाहिए. बीजेपी के इस रुख से नीतीश कुमार सकते में हैं. सरकार बनने के 6 दिन बाद ही वो खुद को फंस हुआ महसूस कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इस उलझन को सुलझाने नीतीश कुमार जल्द दिल्ली जाने वाले हैं. सीएम नीतीश कुमार इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं.
सूत्रों की माने तो बीजेपी गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग,भवन निर्माण विभाग, वित्त विभाग सहित कई अहम विभाग चाहती है जो पिछली सरकार में जेडीयू के पास थे.
चिराग पासवान और जीतन राम मांझी भी है नाराज़
हम सुप्रीमों जीतन राम मांझी एनडीए गठबंधन की सरकार में अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री पद चाहते है. उनका कहना है जब सरकार में निर्दलीय लोगों को मंत्री पद दिया जा रहा है तो उनको भी दो मंत्रीपद मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि “ HAM को 2 मंत्रालय नहीं मिला तो अन्याय होगा. कैबिनेट में निर्दलीय को मिल रहा है मनचाहा विभाग.”
इसके अलावा चिराग और मांझी दोनों निर्दलीय सुमित सिंह के मंत्री बनाए जाने से बी नाराज़ बताये जा रहे है. मांझी ने कहा कि वो एक निर्दलीय को मंत्री बनाने का विरोध करते है तो चिराग के लिए कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के सुमित सिंह को मंत्री उन्हें जमुई में फंसाए रखने के लिए बनाए जाने से नाराज़ है.
राज्य और गठबंधन के ऐसे हालात में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष की मुलाकात पीएम मोदी से सिर्फ औपचारिक होने की बात गले से नहीं उतरती.
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