पटना, (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ), बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद नई सरकार के गठन के साथ ही सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है. जहां एक तरफ NDA का दामन थामते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर प्रधानमंत्री सहित तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर बिहार की सियासत में जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है.
बीजेपी को सताया टूट का डर
नीतीश-बीजेपी सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. ऐसे में आरजेडी की ओर से खेला होने का दावा किया जा रहा है. जहां आरजेडी खुल कर जेडीयू में टूट का दावा कर रही है वहीं अब बीजेपी को भी टूट के डर से ग्रस्त हो गई है. बीजेपी अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए सभी 78 विधायकों को बोधगया भेजने की तैयारी में है.
बीजेपी ने बोधगया में प्रशिक्षण शिविर का किया आयोजन
बीजेपी के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक 7 फरवरी यानी बुधवार को उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी घर हुई विधानमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि सभी विधायकों को एकजुट कर पटना से बाहर भेज दिया जाए. ऐसा कहा जा रहा हे कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि विधायकों एकजुट कर पटना से भेजा जाए ताकी किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सकें. तबी पार्टी ने 10 और 11 फरवरी को पार्टी के विधायकों के लिए बोधगया में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने का फैसला लिया. इस प्रशिक्षण शिविर में तमाम विधायक मौजूद रहेंगे, साथ ही पार्टी के पदाधिकारी भी यहां होंगे जो इन्हें प्रशिक्षण देंगे.
12 फरवरी को विश्वस मत वाले दिन लौटेंगे विधायक
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक 12 फरवरी को सभी विधायकों को एक साथ पटना लाया जाएगा. ऐसा कहा जा रहा है कि पटना में शिविर रखने से विधायकों के भटकने का डर बना रहता. आपको याद दिला दें, कांग्रेस पहले ही अपने विधायकों को हैदराबाद भेज चुकी है. ऐसा कहा जा रहा है कि लालू यादव जेडीयू-बीजेपी सरकार को गिराने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे है. ऐसे में जेडीयू-बीजेपी भी अपने विधायकों पर नज़र बनाए हुए है.
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