Wednesday, January 22, 2025

PM Modi meditation: जब-जब हमारे संत महात्मा यज्ञ करते थे तो असुर प्रवृत्ति के लोग विघ्न डालते थे-विजय सिन्हा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कन्याकुमारी में ध्यान साधना PM Modi meditation को लेकर विपक्ष के एतराज और चुनाव आयोग को की गई शिकायत पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “हमारा इतिहास गवाह है कि जब-जब हमारे संत महात्मा यज्ञ करते थे तो असुर प्रवृत्ति के लोग विघ्न डालते थे… ” तो वहीं एनडीए में शामिल जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने कहा,”ये लोग(विपक्ष) केवल आलोचना के लिए जाने जाते हैं, सकारात्मक विपक्ष की भूमिका नहीं निभाते.”

PM Modi meditation, सनातन की संस्कृति से दूर चले गया है विपक्ष

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “ये वो लोग हैं जो कहीं ना कहीं सनातन की संस्कृति से दूर चले गए. ये व्यक्ति सावन में मटन खाते हैं नवरात्र के पहले ये मछली खाते हैं. जब-जब सनातन के संतान अपने धर्म के प्रति आस्था व्यक्त करके ध्यान करते हैं तो ये असुर प्रवृत्ति के लोगों की बेचैनी बढ़ जाती है… हमारा इतिहास गवाह है कि जब-जब हमारे संत महात्मा यज्ञ करते थे तो असुर प्रवृत्ति के लोग विघ्न डालते थे…इनकी प्रवृत्ति हमेशा शांति भंग करने और समाज के उत्थान और कल्याण के विरुद्ध रहता है.”

सकारात्मक विपक्ष की भूमिका नहीं निभाते-नीरज कुमार

वहीं एनडीए में सहयोगी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पीएम मोदी की साधना को लेकर विपक्ष की टिप्पणियों पर कहा, “इससे विपक्ष को क्या परेशानी है?… स्वामी विवेकानंद जिन्होंने दुनिया को संदेश दिया, उनके रॉक मेमोरियल पर जाकर यदि ध्यान और योग किया जाए तो विपक्ष के लोग इतने बेचैन क्यों हैं? लगता है कि उनमें योग और ध्यान के प्रति घृणा है… ये निश्चित रूप से देश की पुरातन परंपरा और पूंजी पर वैचारिक हमला है… ये लोग(विपक्ष) केवल आलोचना के लिए जाने जाते हैं, सकारात्मक विपक्ष की भूमिका नहीं निभाते.”

चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद भी बीजेपी और उसके सहयोगी हर मुद्दे को सनातन से जोड़ने में लगे है. जबकि विपक्ष ने पीएम मोदी की साधना पर आपत्ति नहीं जताई थी उसने चुनाव आयोग से इस साधना की मीडिया कवरेज को लेकर शिकायत की थी क्योंकि पीएम सातवें चरण में वाराणसी से प्रत्याशी है और 30 मई की शाम जब से पीएम ने साधना की तब से लेकर 1 जून तक प्रचार का मौन काल है इस समय सिर्फ घर-घर जाकर प्रचार किया जा सकता है. रैली या दूसरे जन संचार के तरीकों के इस्तेमाल पर रोक होती है.

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