आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को पूर्व सांसद आनंद मोहन को दी गई छूट के संबंध में मूल रिकॉर्ड पेश करने के भी निर्देश दिए. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त 2023 को होगी. सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए आनंद मोहन ने सीनियर एडवोकेट एपी सिंह को नियुक्त किया था.
जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर हुई सुनवाई
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर 8 मई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे के माहेश्वरी ने पहली सुनवाई की थी. उस दिन कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन दोनों को नोटिस जारी किया था. साथ ही दो हफ्ते में इस मामले की सुनवाई करने की बात कही थी.
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार की हो रही है आलोचना
बता दें कि बिहार सरकार ने नियम में बदलाव करते हुए आनंद मोहन को जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ किया, जिसके बाद आनंद मोहन की रिहाई हुई. तकरीबन 15 साल जेल में सजा के तौर काट चुके आनंद मोहन जेल से रिहा हुए.
लेकिन आनंद मोहन की रिहाई के साथ ही विवाद और सियासत शुरू हो गई. तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था