पटना: बिहार में शिक्षा विभाग Bihar Education Department ने एक नया छुट्टी का कैलेंडर जारी किया है.इस कलेंडर की खासियत ये है की इसमें से सारे हिन्दू त्यौहार गायब हैं.कैलेंडर में जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, रामनवमी, शिवरात्रि, तीज, वसंत पंचमी और जिवित्पुत्रिका की छुट्टियां खत्म कर दी गई हैं.वहीं इसके उलट मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां बढ़ा दी है.ईद- बकरीद की 3- 3, मुहर्रम की 2 दिन की छुट्टियां दी गई हैं.अरे रुकिये पिक्चर अभी बाकी है.
Bihar Education Department ने टीचर की गर्मियों की छुट्टियां भी की रद्द
कलेंडर में हिन्दू छुट्टीयों की कटौती पर ही कहानी नही रुकी.स्कूल के शिक्षकों के लिए गर्मी की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है लेकिन, स्कूली बच्चों की गर्मी की छुट्टी रहेगी. नई अवकाश तालिका के अनुसार, 60 दिन की छुट्टी में शिक्षकों को 38 दिन स्कूल आना होगा .इन 38 दिन का गणित समझे तो शिक्षकों को मात्र 22 दिन की छुट्टी दी गई है.
गांधी जयंती की छुट्टी भी रद्द
बिहार शिक्षा विभाग के इस फैसले से कुछ समय पहले ये तय हुआ था कि जितनी भी जंयती है, उस दिन विद्यालय खुले रहेंगे.लंच से पहले पढ़ाई फिर उसके बाद महान पुरुषों की जयंती मनाई जाएगी.इस से बच्चें महापुरुष के विचार, व्यक्तित्व आदि बच्चे जान पायेंगे.शायद इसी कारण से गांधी जयंती की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है. इसके साथ ही 1 मई की मजदूर दिवस की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है.कुछ महीने पहले भी कुछ हिन्दू त्योहारों की छुट्टियां रद्द की गयी थी.शिक्षकों ने इसका विरोध किया था.इसके बाद रद्द छुट्टियां वापस ले ली गयी थीं.
BJP ने कसा तंज
बिहार शिक्षा विभाग के इस फैसले पर भाजपा ने तंज किया है.भाजपा ने कहा है कि “तुष्टिकरण के सरदार-बिहार के कुर्सी कुमार”.एकबार फिर चाचा-भतीजे की सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया.एक तरफ स्कूलों में मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई जा रही हैं,वहीं हिंदु त्योहारों में छुट्टियां खत्म की जा रही हैं.लानत है वोटबैंक के लिए सनातन से घृणा करने वाली सरकार से,सनातन का इनके मन में कोई मान-सम्मान नही.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह तुगलकी आदेश हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है और इसे भी वापस लेना पड़ेगा.इस मामलें पर धीरे-धीरे राजनीति गर्मा रही है.