पटना: (अभिषेक झा, ब्यूरोचीफ) बिहार में इन दिनों जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण चल रहा है . 15 अप्रैल से जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण शुरू हुआ है . सरकार के इस महत्वाकांक्षी कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर है . राज्य के ज्यादातर शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई के काम से तत्काल के लिए मुक्त दिया गया है और उन्हें जनगणना के लिए भेज दिया गया है. ये स्थिति पूरे बिहार की है.
शिक्षक कभी भी स्कूल आकर लगा सकते हैं एटेंडेंस- जिला शिक्षा अधिकारी (DEO)
जनगणना के काम के दौरान लगाये गये शिक्षकों के लिए पटना और रोहतास के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने एक आदेश जारी किया है कि जो शिक्षक जनगणना ड्यूटी में लगाये गये हैं, वे किसी भी समय अपने स्कूल में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकते हैं. किसी भी समय स्कूल आ सकते हैं. उनके लिए ये बाध्यता नहीं है कि वो किस समय पर स्कूल आयें लेकिन उनका स्कूल आना जरूरी है.
शिक्षक की कमी पूरी करेंगे सीनियर छात्र – जिला शिक्षा अधिकारी (DEO)
इस दौरान जब स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक अनुपस्थित रहेंगे,तब सीनियर क्लास के बच्चे जूनियर क्लास के बच्चों को पढ़ायेंगे. आदेश में ये भी कहा गया है कि स्कूल के मॉनिटर भी स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों की क्लास ले सकेंगे. यानी कुल मिलाकर जिला शिक्षा पदाघिकारी का ये आदेश इस ओर इशारा करता है कि शासन का नजरिया बच्चों की शिक्षा को लेकर कितना गंभीर है. जातीय जनगणना राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए जरूरी है लेकिन राज्य के बच्चों की शिक्षा सरकार की प्राथमिकताओं के आखिरी पायदान पर है.
जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश से शिक्षक नाराज
पटना और रोहतास में जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस आदेश से शिक्षक नाराज हैं. शिक्षक संघ का कहना है कि पटना और रोहतास जिले के अधिकारी राज्य सरकार से अलग अपना आदेश चला रहे हैं. इस मामले में सामान्य प्रशासन और शिक्षा विभाग के आदेश का पालन नहीं हुआ है.