MP CAG Report : मध्यप्रदेश में प्राकृतिक आपदा राहत के लिए मिलने वाली राशि को लेकर बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सीएजी ने मध्यप्रदेश को लेकर अपनी ऑडिट रिपोर्ट पेश किया जिसमें 2018 से 2022 के बीच 13 जिलों में आपदा पीड़ितों के लिए आवंटित राशि में भयानक भ्रष्टाचार की बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यप्रदेश सरकार ने आपदा पीडितों की मदद के लिए 2018 से 2022 के बीच 23 करोड़ 81 लाख की राशि आवंटित की थी, जिसके साथ मध्यप्रदेश के बाबूओं साहबों ने खेल कर दिया. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस सरकारी राशि को राशि पीडतों के खाते में डालने की जगह अपने-अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दिया.
MP CAG Report में खुलासा , 13 जिलों में जमकर हुई धांधली
सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश के 13 जिलों जमकर धांधली हुई. जिन जिलों में भ्रष्टाचार ने खुला खेल खेला उनमें सिवनी, श्योपुर, सीहोर, शिवपुरी, देवास छतरपुर,खंडवा,मंदसौर,रायसेन,दमोह,सतना,आगर-मालवा और विदिशा शामिल है. सरकार ने ये राशि इन जिलों के उन आपदा पीडितों की आर्थिक सहायता के लिऐ जारी किया था जिनके यहां प्राकृतिक आपदा के दौरान मौते हों गई थी. सरकार ने ये राशि पीडितों की अर्थी से लेकर कफन तक के लिए जारी किये थे, लेकिन सरकारी बाबूओं ने अपने तिकड़म का कमाल दिखाते हुए कफन तक के लिए जारी पैसों को भी नहीं छोड़ा और राशि का बंदरबांट कर लिया.
फर्जी पहचान बनाकर ई-पेमेंट, IFMIS की कमियों का उठाया फायदा
सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक कुल 23 करोड़ 81 लाख रुपये में से 21 करोड़ 14 लाख रुपये उन लोगों के खाते में पहुंचा दिये गये जिनका आपदा से कोई लेना देना नहीं था.वहीं 2 करोड़ 67 लाख रुपये सरकारी कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों को बांट दिये गये.
सीएजी की रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि सरकारी कर्मचारियों ने एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली यानी IFMIS की कमियों का फायदा उठाकर धोखाधड़ी की. इंटरनेट-भगुतान के लिए फर्जी मंजूरी आदेश तैयार किए गए और कागजों में फर्जी लाभार्थी बनाए गए.
सबसे ज्यादा 11.79 करोड़ का घोटाला सिवनी जिले में
सबसे ज्यादा 11 करोड़ 79 लाख की धोखाधड़ी सिवनी जिले में हुई है, जहां 59 खातों में 291 फर्जी आदेशों के जरिये पैसे ट्रांसफर किये गये. ये पैसा सांप कांटने , बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदा के नाम पर बनाये गये पीडितों के नाम पर दिये गये. सिवनी के बाद श्योपुर में 3 करोड़ 36 लाख की बेइमानी हुई. कैग की ऑडिट रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है कि प्रदेश में जितने बड़े स्तर पर घोटाल हुआ है वो बिना सरकारी अधिकारियों , कर्मचारियों और ट्रेजरी से जुड़े बाबूओं की मिली भगत के बिना संभव नहीं है.
विधानसभा में रिपोर्ट रखे जाने के बाद अब मोहन यादव सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियो पर नकेल कसना शुरु कर दिया है. रिपोर्ट जारी होने के थोड़ी देर बाद ही सिवनी जिले में एक तहसीलदार और एक नायब तहसीलदार समेत चार सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है,जबकि एक कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. दागी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है और मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है.