दिल्ली : देश में प्रदूषण को लेकर सरकार ने कई तरह की रोक लगा रखी थी. ये प्रतिबंध केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ही लगाया था. इसी तरह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण के चलते दिल्ली में भी BS-6 डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया था. यह प्रतिबंध साल 2015 से लगा है. तब से ही इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बंद था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर G-20 के लिए दिल्ली सरकार ने BS-VI डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है. अब दिल्ली में ही हो सकेगा BS-VI डीज़ल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन .
BS-VI डीज़ल गाड़ियों पर 2015 में लगा था प्रतिबंध
विदेश मंत्रालय, एंबेसी या G-20 समिट के कार्यों से जुड़े अन्य मंत्रालयों या अथॉरिटी के लिए ही BS-VI डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को मंज़ूरी मिल सकेगी. ग़ौरतलब है कि 2015 में NGT ने दिल्ली में, 2000 CC से ज़्यादा क्षमता वाली डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. आदेश के मुताबिक 10 साल पुरानी डीजल कार और 15 साल पुरानी पेट्रोल कार पर प्रतिबंध है लेकिन नई राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति आने के बाद अब वाहनों पर व्हीकल फिटनेस का नियम लागू होगा न कि उनकी उम्र का. वहीं उन्होंने यह भी कहा था कि मंत्रालय एनजीटी के आदेश पर कानूनी सलाह लेगा.
क्यों किए थे बंद BS-VI डीज़ल गाड़ियां
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का कहना था कि एक डीजल व्हीकल 24 पेट्रोल कारों या 40 सीएनजी व्हीकल्स के बराबर प्रदूषण करता है. जिसके बाद एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर के आरटीओ को ऐसे सभी वाहन डी-रजिस्टर करने का आदेश दिया था. यह आदेश उन सभी गाड़ियों पर भी लागू होता है जो 2014 से पहले खरीदी गई हैं. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 15-20 साल पुराने वाहनों की संख्या 15 लाख है, जबकि 20 साल से ज्यादा पुराने वाहनों की संख्या 24.5 लाख से ज्यादा है. दिल्ली में 3 लाख 10 साल पुराने डीजल वाहन हैं, वहीं 15 साल पुराने डीजल वाहनों की संख्या एक लाख है.
किन राज्यों में मान्य है
राजस्थान और मेघालय के सभी जिलों में यह मान्य है. साथ ही बिहार के 18 जिलों में भी मान्य है. वहीं उत्तर प्रदेश के भी 33 जिले शामिल हैं. महाराष्ट्र के 26 निगमों/जिलों के लिए भी एनओसी ली जा सकती है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में केवल कोलकाता में बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.