Bahraich violence HC Order : बहराइच हिंसा के आरोपी PWD से मिले नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. सुप्रीम कोर्ट में तो अभी मामले की सुनवाई नहीं हुई है लेकिन इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीडब्लूडी के नोटिस पर रोक लगाते हुए बुल्डोडर की कार्रवाई को तत्काल रोकने के आदेश दिये हैं. पीडब्लूडी विभाग ने दशहरा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बाद कुल 23 लोगों को अवैध अतिक्रमण का नोटिस दिया है.
Bahraich violence HC Order ने बचाया हिंसा के आरोपियों का घर
बहराइच हिंसा के आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट दोनो जगह याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने पीडब्लूडी के आदेश पर रोक लगा दी . इस तरह से फिलहाल बहराइच हिंसा के आरोपियों के घर फिलहाल बच गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीडब्लूडी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. इसका मतलब ये है कि अब फैसला आने तक बहराइच हिंसा के आरोपियों के घरों पर प्रशासन का बुलडोजर नहीं चलेगा.
15 दिन के लिए कार्रवाई पर लगी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर 15 दिन के लिए रोक लगाई है. मामले में अब आने वाले बुधवार को अगली सुनवाई होगी. लोक निर्माण विभाग (PWD) ने जिन 23 घरों और दुकानों को नोटिस दिया है उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है. ऐसे में अब 23 अक्टूबर की सुनवाई के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के वकील कलीम हाशमी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने जिन 23 लोगों के मकान पर बुल्डोजर चलाने का नोटिस दिया थ, उसे लेकर एपीसीआर ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इस याचिका पर तत्काल सुनवाई हुई और इलाबाद हाईकोर्ट की लखनउ बेंच ने नोटिस पाने वाले सभी 23 लोगों को अपना जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है. वकील के मुताबिक अगले 15 दिन तक बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी और हमें अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा.