गुरुवार को भूमि अधिग्रहण मामले में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को तलब करने वाले बदायूं जिले के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (न्यायिक) और उनके स्टाफ सदस्य को उत्तर प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है.
डीएम ने दी थी एसडीएम को चेतावनी
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि बदायूं के एसडीएम (न्यायिक) विनीत कुमार को राज्यपाल को भेजे गए समन के संबंध में बुधवार को उनके ‘पेशकार’ (कर्मचारी सदस्य जो अधिकारी को फाइलें पेश करते हैं) के साथ निलंबित कर दिया गया था.
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि डीएम ने कुछ दिन पहले इस मामले में अधिकारी और उनके मात हदों को चेतावनी जारी की थी और एक रिपोर्ट राज्य सरकार को भी भेजी थी.
राज्यपाल की ओर से क्या जवाब आया था
आपको बता दे की इस प्रकरण में राजभवन की तरफ से भारी आपत्ति जताई गई थी. सम्मन का जवाब देते हुए राज्यपाल के कार्यालय ने ऐसे कार्यों के खिलाफ उन्हें मिली संवैधानिक छूट का हवाला दिया था.
किस मामले में हुए बदायूं एसडीएम निलंबित
असल में मामला लोदा बहेरी गांव निवासी चंद्रहास द्वार एक अन्य व्यक्ति और राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए एसडीएम कोर्ट में दायर भूमि विवाद याचिका से संबंधित था. चंद्रहास का आरोप था कि एक रिश्तेदार ने उसकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति अपने नाम करा ली. चंद्रहास ने दावा किया कि जमीन कब्जा कर बेच दी गई और जिसे बाद में सरकार ने 12 लाख रुपये का मुआवजा देकर अधिग्रहण कर लिया. याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम ने जमीन खरीदने वाले व्यक्ति और राज्यपाल के नाम समन जारी किया था.
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