Saif ali khan MP HighCourt : बॉलिवुड एक्टर सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के लिए एक और बुरी खबर है. सैफ अली खान अभी अभी खुद पर हुए जानलेवा हमले से बाल बाल बचे हैं. इस बीच उनके लिए भोपाल से एक और बुरी खबर आई है. सैफ अली खान को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने भोपाल में उनकी एक संपत्ति पर लगे स्टे आर्डर को हटा दिया है. इसके बाद उनकी लगभग 15000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर जब्ती का खतरा मंडराने लगा है . भोपाल में पटौदी परिवार की कई पुश्तैनी संपत्तियां हैं, जिनपर केंद्र सरकार कब्जा कर सकती है.
Saif ali khan MP HighCourt : क्या है भोपाल में संपत्ति का मामला
दरअसल नियम है कि अगर कोई संपत्ति जिसपर लंबे समय से कोई दावा नहीं किया गया हो , उसे सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम-1968 के तहत जब्त कर सकती है. सरकार ये जब्ती Enemy Property Act के तहत कर सकती है, जो कि 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे. सैफ अली खान के पटौदी परिवार की ये भोपाल की संपत्तियां भी इसी श्रेणी में आती हैं.
भोपाल और रायसेन में हैं पटौदी परिवार की बड़ी संपत्तियां
Saif Ali Khan की जिन संपत्तियों पर जब्त होने का खतरा मंडरा रहा है, उनमें भोपाल और रायसेन की प्रॉपर्टीज शामिल हैं. इनमें फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस, कोहेफिजा शामिल हैं. इनमें फ्लैग स्टाफ हाउस खास है क्योंकि इसी बंगले में सैफ अली खान का बचपन का बड़ा हिस्सा बीता है.
2015 में शुरु हुई थी पटौदी परिवार की संपत्तियों पर सुनवाई
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 2015 में पटौदी परिवार की इन संपत्तियो पर सुनवाई तब शुरू की थी, जब मुंबई के Enemy Property Custodian Office की तरफ से भोपाल के नवाब की जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया गया था. इसके बाद पटौदी फैमिली को नोटिस मिला और सैफ अली खान ने नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी. सैफ अली खान के कोर्ट पहुंचने पर तत्काल कोर्ट ने स्टे दे दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 13 दिसंबर को एमपी हाईकोर्ट ने सैफ की याचिका को रद्द करके उन्हें अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था लेकिन सैफ अली खान या उनके परिवार के किसी सदस्य ने इस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि पटौदी परिवार के पास अभी भी भोपाल हाईकोर्ट की डबलबेंच मे जाने और अपील करने का विकल्प मौजूद है. फिलहाल भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की तरफ से कहा गया है कि हाईकोर्ट का आदेश स्पष्ट तरीके से देखने के बाद ही इस पर कार्रवाई की जाएगी.