अयोध्या (Ayodhya): कांग्रेस नेताओं के अयोध्या आने की सुगबुगाहट से अयोध्या के संतो में बेचैनी बढ़ गई है. संत समाज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दौरे को लेकर कटाक्ष करतें नज़र आ रहे हैं. संत समाज का कहना है कि अब राहुल और प्रियंका गांधी को अयोध्या आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जब उनको रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया था, तब उन्होंने ठुकरा दिया था. संतो का कहना है कि अब राहुल गांधी को मथुरा जाना चाहिए. श्री कृष्णा जन्मभूमि पर दर्शन करें और यमुना जी का जल हाथ में लेकर संकल्प अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है, वैसे ही मथुरा में शाही ईदगाह को हटाकर भक्त श्री कृष्ण के स्थान पर मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं ने रामलला को काल्पनिक बताया- महंत राजू दास
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास का कहना है कि राहुल गांधी और प्रियंका अयोध्या Ayodhya आ रहे हैं. अयोध्या में आने पर उनका स्वागत है लेकिन अभी राहुल और प्रियंका को भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि पर जाने की जरूरत है. यही कांग्रेस और कांग्रेस के नेता हैं जिन्होंने रामलला को काल्पनिक बताया. इतने सालों तक राम को टेंट में रखा. संतो को आईएसआईएस और बोको हराम से जोड़ दिया. कांग्रेस नेता कहते हैं कि मोदी मजबूत होगा तो, सनातन मजबूत होगा.
Ayodhya -राहुल ने जो किया है उसके लिए भगवान उनको क्षमा नहीं करेंगे
राजू दास ने आगे कहा कि ऐसे शब्दों से कांग्रेस के नेता सनातनियों को नवाजते हैं. उन्होंने आगे कहा कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का निर्माण राहुल ग़ांधी कराएंगे तब हम मानेंगे कि राहुल गांधी हिंदुस्तानी है और सनातनी है, नहीं तो हिन्दू समझा जाएगा कि आप आप कालनेमि हैं और शुद्ध रूप से वोट की राजनीती कर रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महत कमल नयन दास ने कहा कि राहुल गांधी को भारत से कुछ लेना देना नहीं है. राहुल गांधी के पूर्वजों ने देश को खूब ठगा और लूटा है. यह वहीं राहुल गाँधी है, जो वीर सावरकर को गाली देते घूमते है, राहुल ने जो कुछ भी किया है उसके लिए भगवान उनको क्षमा नहीं करेंगे. उन्होंने देश के साथ गद्दारी की है, इसका जीता जागता प्रमाण कश्मीर है.
संकटमोचक सेवा के राष्ट्रिय अध्यक्ष महान ज्ञान दास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास ने कहा कि भगवान रामलला सब की आस्था केंद्र है. यहां हर कोई आकर आशीर्वाद ले सकता है. जब प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तब उनको आना चाहिए था. भगवान रामलला आस्था के केंद्र हैं. वह प्रेरणा के स्त्रोत हैं, जो उनके चरणों में नतमस्तक होगा उसके ऊपर प्रभु की कृपा होगी.