Atishi Swearing-in : आज दिल्ली को आतिशी के रुप में नई मुख्यमंत्री मिलन जा रही हैं. थोड़ी देर में शाम साढे 4 बजे आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह आधिकारिक भवन राजनिवास में होगा. मुख्य मंत्री आतिशी के साथ उनके कैबनेट के लिए 5 मंत्रियो को भी आज शपथ दिलाई जायेगा. मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने वालों में सौरभ भारद्वाज,गोपाल राय, इमरान हुसैन कैलाश गहलौत और मुकेश कुमार शामिल हैं.
Atishi Swearing-in : दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी आतिशी
आतिशी दिल्ली की तीसरी मिला मुख्यमंत्री और सब मिलाकर 8वीं मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. आतिशी से पहले कांग्रेस की स्वर्गीय शीला दीक्षित और बीजेपी की स्वर्गीय सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं,वहीं सुषमा स्वराज 1998 में केवल दो दिन के लिए मुख्यमंत्री बनी थीं.
राजनिवास पहुंचने से पहले आतिशी पहुंची अरविंद केजरीवाल के घर
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले आम आदमी पार्टी की विधायक दल की नेता आतिशी पार्टी संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंची हैं. आतिशी के साथ पांचों विधायक ,जो फिर से मंत्री बनने वाले हैं, वो भी अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचे हैं.
नई मुख्यमंत्री का कार्यकाल होगा छोटा
अरविंद केजरीवाल के अपने पद से इस्तीफा देने की घोषण के बाद पूर्ण बहुमत वाली आम आदमी सरकार ने दिल्ली में अपने पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसला किया है. आतिशी ने बिना मुख्यमंत्री के दिल्ली सरकार को मुश्किल परिस्थियों में भी बेहतरीन काम करके अपनी एक खास जगह बनाई है. इसी कारण से आरविंद केजरीवाल ने अपने पद की उत्तराधिकारी के तौर पर आतिशी को चुना है. आतिशी का कार्यकाल बतौर सीएम छोटा ही होगा, क्योंकि दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल फरवरी के महीने मे खत्म होगा. यानी आतिशी के पासस करीब 5 महीन का समय है लेकिन आम आदमी पार्टी की मांग है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव तय समय से पहल कराया जाये. अरविंद केजरीवाल की मांग है कि दिल्ली के विधानसबा चुनाव भी महाराष्ट्र और झारखंड के साथ कराये जायें ऐसे में अगर समय पूर्व चुनाव होते है तो नई मुख्यमंत्री का कार्यकाल और छोटा होगा.
अरविंद केजरीवाल के फिर से मुख्यमंत्री बनाना मकसद
दिल्ली की नई सीएम आतिशी क कहना हैकि वो दिल्ली की बागडोर जरुर संभाल रही है लेकिन चुनाव से पहले उनके पास दो ही मकसद होंगे. पहल दिल्ली की जनता को भाजपा के षडयंत्र से बचाना और दूसरा अरविंद केजरीवाल को पूर्ण बहुमत के साथ फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना.