प्रयागराज : अतीक और अशरफ की हत्या के बाद आरोपियों से जब पूछताछ की गई तब उनमें से एक आरोपी सन्नी ने बताया कि वो लॉरेन्स बिश्नोई से प्रभावित था. उसने बोला कि उसे लगता है कि लॉरेन्स इस वक्त का सबसे बड़ा गैंगस्टर है और वो इस तरह की बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद लॉरेन्स से भी बड़ा क्रिमिनल बन सकता है. हालांकि यूपी पुलिस का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि जांच को भटकाने के लिए वो ऐसा बोल सकता है. अभी हर एंगल से जांच की जा रही है और मकसद जानने की कोशिश की जा रही है.
हत्या की रणनीति सन्नी ने तय की
सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में सामने आया है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का मास्टरमाइंड सन्नी था. लवलेश और अरुण की मुलाकात पहले जेल में हुई थी. ये दोनों एक दूसरे को जेल से जानते थे. जब दोनों एक साथ जेल में बंद थे. इसके बाद एक दूसरे दोस्त के माध्यम से ये दोनो सन्नी के संपर्क में आए. इस हत्या को कैसे अंजाम देना है, ये सन्नी ने तय किया. सन्नी ही वो शख्स है जिसने हत्या की सारी रणनीति को तय किया और हथियार भी मुहैया कराए. सन्नी के इशारे पर लवलेश और अरुण ने हत्या में सन्नी का साथ दिया.
सन्नी के पीछे कोई और तो नहीं
पुलिस तफ्तीश कर रही है कि सन्नी को हत्या का आदेश किसी और ने तो नहीं दिया ? क्या किसी ने सन्नी को हत्या की सुपारी दी और फिर सन्नी ने लवलेश और अरुण मौर्य को अपने साथ मिलाया.इस बात की जांच चल रही है.
मर्डर सीन को रिक्रियेट करेगी SIT
फिलहाल पुलिस हत्या के पीछे का मकसद और इस पूरी घटना का सच जानने की कोशिश कर रही है. क्या सच में बड़ा गैंग्सटर बनने की वजह से हत्या को अंजाम दिया या फिर इन सब के पीछे कोई और है. आरोपियों की कहानियां जांच भटकाने की कोशिश तो नहीं ताकि राज से पर्दा न उठे. पुलिस तमाम पहलुओं पर जांच कर रही है.इसके लिए अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का सीन रिक्रिएट करने की तैयारी में है SIT. हालांकि रात को दोनों की हत्या की गई थी इसलिए रात में भी किया जा सकता है रिक्रिएशन.
सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ
इसके अलावा SIT की टीम उन पुलिसकर्मियों से सिलसिलेवार पूछताछ करेगी जो हत्या की रात अतीक अहमद के साथ थे. कितने पुलिसकर्मी अतीक अहमद की सुरक्षा के लिए उस रात ड्यूटी पर थे. उनका आंकड़ा ले लिया गया है. SIT ये भी पता लगा रही है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को जब मेडिकल के लिए ले जाया गया था तो सरकारी असलहों के साथ कितने पुलिसकर्मी चल रहे थे और कितनों के पास हथियार नहीं थे. SIT ये भी जांच करेगी कि हमलावरों के हमला करने से लेकर उन्हें पकड़ने में कितने पुलिसकर्मियों ने कोशिश की और कितना समय उन्हें काबू करने में लगा.