मंगलवार को गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम बापू (Asaram) को उम्र कैद की सजा सुनाई. 2013 के एक बलात्कार के मामले में कोर्ट ने सोमवार को आसाराम को दोषी करार दिया था. जिसके बाद मंगलवार को अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश डी.के. सोन ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सजा का एलान किया. कोर्ट ने आसाराम (Asaram) को उम्र कैद की सज़ा के साथ-साथ पीड़िता को 50,000 रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान, विशेष लोक अभियोजक आर.सी. कोडेकर ने अपना पक्ष रखते हुए दलील दी थी कि आसाराम (Asaram) बापू आदतन अपराधी थे और इसलिए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई जानी चाहिए, जबकि आसाराम (Asaram) के वकील ने उनके लिए न्यूनतम सजा की मांग की थी.
किस मामले में सुनाई गई सजा
आपको बता दें 2013 में सूरत पुलिस में दो बहनों ने आसाराम (Asaram) और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. बहनों का आरोप था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम ने बड़ी बहन के साथ अहमदाबाद में बलात्कार किया था, जबकि छोटी बहन ने आसाराम (Asaram) के बेटे पर आरोप लगाया था कि उसने (नारायण सांई) ने उसी अवधि के दौरान सूरत आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया था.
ये फैसला बड़ी बहन के मामला में आया है. उसका केस अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया और गांधीनगर अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें सोमवार को आसाराम (Asaram) को अपराध का दोषी पाया गया. वहीं आसाराम के बेटे के खिलाफ सूरत की अदालत में मुकदमा चल रहा है.