नई दिल्ली : दिल्ली शराब घोटाला मामले में कथित सौ करोड़ की मनी लांड्रिंग के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका को Arvind Kejriwal Delhi HC दिल्ली हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है . जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि ये सरकार और केजरीवाल के बीच का मामला नहीं है बल्कि ये ईडी और उनके बीच का मामला है.
Delhi High Court dismisses Chief Minister Arvind Kejriwal's plea challenging his arrest by ED and trial court order sending him to ED remand.#DelhiHighCourt @AamAadmiParty @dir_ed #ArvindKejiwal pic.twitter.com/AGaxnI94pv
— Bar and Bench (@barandbench) April 9, 2024
Arvind Kejriwal Delhi HC में हर दलील खारिज
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि केजरीवाल को मनी लांड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में किसी को विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता है. ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं. जांच से सीएम को छूट नहीं दी जा सकती है. जस्टिस चंद्रकांता ने फैसले पर अपनी टिप्पणी में ये भी की कि जज कानून से बंधे होते हें राजनीति से नहीं .
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा कि ईडी ने अपनी दलील में आरोपी के पूरे मामले में शामिल होने की बात कही है. इस मामले मे कई बयान भी दर्ज है जैसे शरत रेड्डी, राघव मुंगटा आदि के बयान.
‘गवाहों के बयन पर सवाल उठाना यानी जज पर सवाल उठाना है ‘
बहस के दौरान अरविंद केजरीवाल की तरफ से सरकारी गवाहों पर जो सवाल खड़े किया गय थे,उस पर अदालत ने कहा कि गवाहों के बयान ईडी नहीं बल्कि कोर्ट लिखता है. इसलिए अगर आप सवाल उठाते है तो ये सवाल ईडी पर नहीं बल्कि जज पर उठा रहे हैं. जस्टिस शर्मा ने कहा कि केजरीवाल के पास ये अधिकार है कि वो गवाहों को क्रॉस कर सकें. जांच किसी की सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती बल्कि जांच के दौरान एजेंसी किसी के भी घर तक जा सकती है.
अरविंद केजरीवाल की गिऱफ्तारी के हुए 20 दिन
दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनी लंड्रिंग के आरोप में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. इडी ने केदरीवाल को गिरफ्तार करते हुए उन्हें दिल्ली आबकारी नीति में घोटाले का सरगना माना था और उनपर सौ करोड़ की मनी लांड्रिंग का भी आरोप लगाया था. फिलहाल केजरीवाल न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं .