Arvind Kejriwal Haryana Election : आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. अरविंद केजरीवाल को इस बार सीबीआई के द्वारा की गई गिरफ्तारी के मामले में नियमित जमानत मिली है.इससे पहले दिल्ल सीएम को इडी मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. यानी अब दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल हरियाणा में होने वाले चुनाव के लिए प्रचार के लिए भी जायेंगे.
Arvind Kejriwal Haryana Election : सभी 90 सीटों पर आम आदमी पार्टी लड़ रही है चुनाव
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस बार हरियाणा में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि केजरीवाल के आने से विधानसभा चुनाव के परिदृश्य में काफी बदलाव होगा.आइये आपको बताते है कि अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा के चुनाव में कैसे असर पड़ सकता है.
आम आदमी पार्टी ने सभी 90 सीटो के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. कांग्रेस के साथ बातचीत के क्रम में आम आदमी पार्टी को अपने उम्मीदवार उतारने में भी थोड़ी देरी हुई है.
कांग्रेस और आप का नहीं हुआ गठबंधन
पिछले काफी समय से ये चर्चा थी कि हरियाणा में इंडिया एलायंस के की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस और आप एक दूसरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी लेकिन आखिरकार कई दौर की बातचीत के बाद भी दोनों पार्टियों मे सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी और दोनों ने अलग अलग चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है.
अरविंद केजरीवाल की गैर मौजूदगी में अब तक मनीष सिसोदिया, संजय सिंह राघव चडढ़ा, भगवंत मान औऱ सुनीता केजरीवाल हरियाणा में कमान संभला रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के आने का सबसे ज्यादा असर होगा. इसकी वजह से है कि अरविंद केजरीवाल खुद हरियाणा से आते हैं, और उन्हें एक भीड़ जुटाऊ नेता भी माना जाता है. खास कर वर्तमान परिस्थितियों में अरविंद केजरीवाल के साथ एक उनके गृहप्रदेश की जनता की सहानुभूति भी है. अरविंद केजरीवाल हरियाणा के हिसार के खेड़ा गांव से आते हैं.इसलिए ये माना जा रहा है कि हरियाणा में उनके आने से आम आदमी पार्टी के चुनावी अभियान को गति मिलेगी.
हरियाणा में आम आदमी पार्टी का रिकार्ड
आम आदमी पार्टी ने 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में 46 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे, उस समय इन्हें वहां केवल 0.48 फीसदी वोट मिले . 2019 लोकसभा चुनाव में आप ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और तब उन्हें 0.36 फीसदी वोट मिले थे.इन आंकड़ों के हिसाब से देखा जाये तो ये निराशाजनक लगते है लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि आम आदमी पार्टी पिछले लंबे समय से हरियाणा में जमीन पर उतर कर लोगों को अपने हक में करने की कोशिश कर रही है. आप पार्टी ने इस बार चुनाव में जिन उम्मीदवार को उतारा हैं, उन्हें देखते हुए उनकी फिल्डिंग मजबूत मानी जा रही है. आप ने ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो पिछले काफी समय से लोगों के बीच रहे हैं और उन्हें जनता का समर्थन भी मिल रहा है. पूरे प्रदेश में कम से कम 7-8 सीटें बताई जा रही हैं, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अच्छी स्थिति में हैं. कयास लगाये जा रहे हैं कि इन सीटों पर अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार से परिणाम बदल भी सकते हैं.
राज्य में कांग्रेस पार्टी की स्थिति
हरियाणा में पिछले दस साल से बीजेपी की सरकार है और ये खबर आम है कि प्रदेश में लोगों के बीच बीजेपी को लेकर लोगों के बीच जबर्दस्त एंटी इन्कंबेसी हैं. चाहे किसान आंदोलन हो या पहलवान बेटियों का मामला, बीजेपी के खिलाफ एक नेगेटिव माहौल बना हुआ है,वहीं पिछले दस साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस की स्थिति प्रदेश में मजबूत मानी जा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार लोगों के बीच जा रहे हैं. वो वहां कभी महिलाओं से तो कभी किसानों के साथ जाकर बात करते हैं. रेसलिंग खिलाडियों के मामले में तो कांग्रेस ने अब खुल कर स्टैंड लिया और रेसलर विनेश फोगाट को जिंद के जुलाना सीट सें मैदान में ही उतार दिया है.
आम आदमी पार्टी ने जुलाना से कविता दलाल को उतारा
कांग्रेस की मजबूत कैडिंडेट विनेश फोगाट को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने पूर्व WWE प्लेयर कविता दलाल को मैदान में उतार दिया है. .यानी यहां आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कविता दलाल कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट के वोच काटेंगी. कयोंकि ये दोनों इस गांव से हैं, और इन दोनों का जाटों और किसानों के बीच है. आप उम्मीदवार कविता दलाल की पहचान एक ऐसी भारतीय खिलाडी के तौर पर है जिसने शादी के बाद भी अपना खेल जारी रखा और अंतराष्ट्रीय जगत मे एक ऐसी महिला खिलाड़ी के रुप में पहचान बनाई जो सलवार कमीज पहनकर रेसलिंग के रिंग में उतरी थी.
राज्य में बीजेपी की स्थिति
हरियाणा मे पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार है. लोकसभा चुनाव के दौरान एंटी इनकंबेसी को देखते हुए केंद्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटा कर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया. नये मुख्यमंत्री बार बार किसानों की बात करते हैं, इसके बावजूद जाट बहुल इस प्रदेश में बीजेपी की स्थिति डंवाडोल दिख रही है. बीजेपी ने यहां प्रचार के लिए 40 स्टार कैंपेनर की लिस्ट जारी की है, जिसमे प्रधानमंत्री मोदी से लेकर जेपी नड्डा , राजनाथ सिंह ,सीएम योगी समेत कई बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्री, हेमा मालिनी और स्मृति इरानी जैसे नाम शामिल हैं.
हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबला
कुल मिलाकर देखा जाये तो अब तक हरियाणा में जो मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच दिखाई दे रहा था, वो अब त्रिकोणीय हो गया है. बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों मैदान में मजबूती से खड़े दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में देखा जाये तो बीजेपी के खिलाफ जाने वाले वोट अब कांग्रेस आम आदमी पार्टी में बंटेंगे और इसका सीधा सीधा फायदा बीजेपी को होगा.