Arvind Kejriwal Granted bail : दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय की दिल्ली आबकारी नीति मामले में 100 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में आरोपी बनाया है और जांच के लिए केजरीवाल को हिरासत में लिया हुआ है. दिल्ली सीएम को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव प्रचार के लिए जमानत दिया था. फिर दो जून को सीएम केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया था और वापस तिहाड़ जेल पहुंच गये थे.
ईडी ने Arvind Kejriwal bail दिए जाने के खिलाफ क्या दलील दी
दिल्ली के मुख्यमंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने तर्क दिया कि ईडी के पास यह साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत हैं कि अपराध की आय का कुछ हिस्सा गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान गोवा में आम आदमी पार्टी के संयोजक के होटल में ठहरने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
उन्होंने कहा कि संघीय एजेंसी के पास टेलीफोन कॉल और कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) के रूप में दस्तावेजी सबूत भी हैं, जो साबित करते हैं कि सह-आरोपी चनप्रीत सिंह, जिसने गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी के अभियान के लिए कथित तौर पर धन का प्रबंधन किया था, ने विभिन्न अंगड़िया से 45 करोड़ रुपये नकद प्राप्त किए और अपने खाते से गोवा में अरविंद केजरीवाल के होटल में ठहरने का भुगतान भी किया.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इन अंगड़िया से बरामद टोकन नंबरों का अरविंद केजरीवाल से सीधा संपर्क है. राजू ने कहा, “ऐसा नहीं है कि ईडी हवा में जांच कर रही है. उसके पास ठोस सबूत हैं.”
क्या है केजरीवाल पर आरोप और क्या है पूरा मामला
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पर ईडी ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का बार-बार खंडन किया है.
बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया.
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