गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal ने दिल्ली शराब आबकारी नीति मामले में नियमित जमानत के लिए राउज एवेन्यू अदालत का रुख किया है. मार्च में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई अपनी गिरफ़्तारी के खिलाफ़ अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इस महीने की शुरुआत में कोर्ट ने उन्हें मौजूदा लोकसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए 21 दिन की अंतरिम ज़मानत दी थी.
अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख को चुनाव खत्म होने के एक दिन बाद यानी 2 जून तक पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है.
बुधवार को अतंरिम जमानत बढ़ाने की अर्जी हुई थी खारिज
इस सप्ताह की शुरुआत में केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री को झटका देते हुए अदालत ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई के करने से इनकार कर दिया था. केजरीवाल की मेडिकल जांच के लिए अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने तुरंत सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया था. रजिस्ट्री ने केजरीवाल की जमानत बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई से मना करते हुए कहा कि कोर्ट ने 17 मई को केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा गया है. उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए निचली अदालत जाने की छूट भी दी थी. इसलिए अब इस आवेदन पर सुनवाई नहीं हो सकती.
Arvind Kejriwal पर फैसला चीफ जस्टिस ही लेंगे
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (28 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal की अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार करते हुए जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की पीठ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी को कहा था कि अंतरिम याचिका को सूचीबद्ध करने पर निर्णय सीजेआई की तरफ से ही लिया जा सकता है क्योंकि मुख्य मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है.
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