पंजाब के बाद अब गुजरात की बारी,अरविंद केजरीवाल की फतेह की तैयारी
गुजरात में चुनाव की तिथियों का ऐलान भले ना हुआ हो,लेकिन वोटबैंक में पैठ बनाने के लिए राजनेता की तैयारी पूरी है.
दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने वाले अरविंद केजरीवाल की नजर अब गुजरात पर है. इसी सिलसिले में आज दिल्ली सीएम अरविंद केजरावील गुजरात के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग सोमनाथ में दर्शन के लिए पहुंचे. हार्डकोर हिंदु छवि के साथ आज केजरीवाल मस्तक पर त्रुपुंड और गले में रुद्राक्ष की माला डाले दिखाई दिये.
मंदिर से दर्शन करके निकलने के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजलीवाल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा
‘यहां आकर पहुत शांति मिलती है. मैंने देशकी,गुजरात की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना की है कि सब लोगों की तरक्की हो, सब खुश रहें , सब लोग स्वस्थ रहें और हमारे देश दुनिया में नंबर एक बने. ’
मंदिर में दर्शन के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल ने राजकोट के टाउनहॉल में स्थानीय व्यापारियो को संबोधित किया. अपने संबोधन में सीएम केजरीवाल ने गुजरात के सबसे प्रभावशाली व्यापारी वर्ग को साधते हुए कहा कि व्यापार गुजरात की पहचान है और व्यापारी यहां की अर्थ व्यवस्थी की सबसे बड़ी ताकत. लेकिन गुजरात के व्यापारियों को बीजेपी की सरकार ने भयभीत कर रखा है
दिल्ली में अपनी सरकार की तारीफ करते हुए सीएम केजरीवाल ने व्यापारियो से कहा कि अगर इस बार गुजरात में आप की सरकार बनती है तो दिल्ली की ही तरह यहां व्यापारियों के लिए सिस्टम को आसान बनायेंगे. सीएम केजरीवाल ने कहा कि वो यहां व्यापारियों के लिए पांच काम करेंगे
*डर का माहौल खत्म करेंगे,ताकि व्यापारी यहां निडरता के साथ अपना काम कर सकें
*व्यापारियों के इज्जत देंगे
*वैट और जीएसटी के फंसे हुए पैसों का रिफंड छह महीन के अंदर करेंगे
*जीएसटी को प्रो-पीपुल बनाते हुए पूरे सिस्टम को आसान बनायेंगे
*व्यापारियों को सरकार का पार्टनर बनायेंगे. उनसे मिले समाधान को सिस्टम मे लागू करेंगे
*गुजरात में दिल्ली की तरह डोरस्टेप डिलिवरी देंगे .
व्यापारियों से तमाम वादे करते हुए दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि एक बार आम आदमी पार्टी को मौके दीजिये. हम यहां के व्यापारियों को तमाम भ्रष्टाचार और सरकारी जटिलताओं को आसान कर एक बेहतर माहौल देंगे.
गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यही कारण है कि अहमदाबाद और सौराष्ट्र के दौरे के बाद अब केजरीवाल सौराष्ट्र क्षेत्र में पहुंचे हैं.विधान सभा की 182 सीटों में से 50 सीट इस क्षेत्र से आते हैं. ऐसे में जाहिर है कि अगर यहां अच्छी पकड़ हो जाती है तो मंजिल तक पहुंचना आसान हो सकता है.