आरा : कहते हैं जहां चाह वहां राह.आमतौर पर BPSC हो या UPSC, इन कठिन परीक्षाओं के लिए माना जाता है कि जब तक स्पेसलाइज्ड तरीके से तैयारी ना कराई जाये ,इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना टेढ़ी खीर है. लेकिन आरा की छात्रा जेबा अर्सी ने ये साबित कर दिया है कि अगर हौंसला मजबूत हो तो कोई मंजिल पर नामुंकिन नहीं है. पीरो की जेबा अर्सी ने बिना किसी कोचिंग के बीपीएस की तैयारी की और बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त परीक्षा में 66वां स्थान प्राप्त किया. उन्हें वरीय उप समाहर्ता यानी SDM के समकक्ष पद के लिए चयनित किया गया है.
ट्यूशन पढ़ाकर पिता ने बेटी को कराई BPSC की तैयारी
जेबा अर्सी के घर में खुशी का माहौल है. माता असमत जहां शिक्षिका हैं और पिता कुदुस अंसारी ट्यूशन पढ़ाते हैं. जेबा अर्सी ने पीरो के पुष्पा उच्च विद्यालय से 2013 में मैट्रिक की परीक्षा फर्स्ट डिविजन से पास की. वहीं VKSU से एफिलियेटेड महात्मा गांधी डिग्री कालेज से बीए पास किया. मां-बाप खुश हैं कि बेटी जेबा ने परिंदों को नहीं दी जाती तालीम उड़ान की तालीम कि वे तो खुद पा लेते हैं मंजिल आसमान की…कहावत को सच साबित कर दिया है.
BPSC के बाद अब UPSC परीक्षा की तैयारी
जेबा की अम्मी (मां) अस्मत जहां का कहना है कि जेबा पढ़ लिखकर अधिकारी बने ऐसा हमलोग चाहते थे. इसलिए कभी भी उसे घर के काम का प्रेशर नहीं दिया.वो सुबह उठती और अपनी पढ़ाई में लग जाती थी. गांव होने की वजह से कम सुविधा मिलती थी,लेकिन इंटरनेट ने काफी मदद की.पिता मोहम्मद कुद्दुम ट्यूशन पढ़ाते हैं. मां का कहना है कि मेरी बेटी ने BPSC निकाला है. अब वो आगे UPSC की भी तैयारी करें.
तीसरे प्रयास में जेबा अर्सी ने निकाला BPSC EXAM
जेबा अर्सी को तीसरे प्रयास में सफलता मिली है. जेबा का कहना है कि 2018 के बाद से ही उसने सेल्फ स्टडी करना शुरू किया. 2019 में हज हाउस पटना से पीटी की तैयारी की. 2020 में दोबारा मेंस की गाइडलाइन और तैयारी करने के लिए पटना गई. जेबा ने अपनी BPSC यात्रा के बारे में बताया कि पहली बार तो उसने पीटी पास कर ली थी, लेकिन मेंस की परीक्षा नहीं निकाल पायी. दूसरी बार परीक्षा दिया तो पीटी और मेंस निकल गया लेकिन इंटरव्यू नहीं निकल पायी. फिर भी हिम्मत नहीं छोड़ा और तीसरी बार में किला फतह कर लिया. मुस्लिम बैकग्राउंड से आनी वाली जेबा अर्सी ने हिंदी भाषा और साहित्य से BPSC में 66वां रैंक हासिल किया. जेबा का कहना है कि उसे परिवार से बहुत सपोर्ट मिला. ग्रामीण इलाका होने के कारण स्टडी मेटेरियल्स की दिक्कत रहती थी,इसलिए कई बार स्टडी मैटेरियल्स के लिए पटना जाना पड़ता था लेकिन अब ऑनलाइन बुक्स स्टोर से काफी मदद मिल जाती है और मैटेरियल आसानी से मिल जाता है. जेबा का कहना है कि करेंट न्यूज और इंफॉर्मेशन के लिए सोशल मीडिया काफी अच्छा माध्यम है. उसने करेंट अफेयर्स की तैयारी सोशल मीडिया से ही की.
जेबा अर्सी के पिता मोहम्मद कुद्दुम बताते है कि रिजल्ट आने के बाद से पूरा परिवार खुश है. बेटी SDM बनेगी.ये उनके लिए बेहद गर्व की बात है. पिता कहते है कि ट्यूशन पढ़ाकर बेटी को BPSC कराना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन इधर-उधर से व्यवस्था करके बेटी को सुविधा उपलब्ध कराया.
आज पिता की छाती चौड़ी है क्योंकि हमेशा क्लास मे अव्वल आने वाली बेटी ने नौकरी के क्षेत्र में भी अव्वल आकर उनकी गौरव बढ़ाया है