Arif Mohammad Khan : बिहार में खरमास के समापन के साथ ही अब मकर संक्राति पर होने वाले दही-चूड़ी भोज की तैयारी चल रही है. बिहार में पिछले कुछ समय से दही-चूड़ा त्योहार राजनीतिक हलचल लेकर आता रहा है. इसबार भी पिछले कुछ समय से जिस तरह से राजनीतिक बयानबाजियां चल रही हैं . उसे देखते हुए राजनीतिक परिवर्तन के आसार नजर आ रहे हैं. राज्य में दबी जुबान में ये चर्चा चल रही है कि मकर संक्रांति के बाद एक बार फिर से यहां खेला होने जा रहा है.
Arif Mohammad Khan ने की रविशंकर प्रसाद से मुलाकात
रविवार को जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भाजाप के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद से मिलने पहुंचे तो कयासो का बजारा गर्म हो गया. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई. हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये दोस्ती वाली बात थी. वो खुद राज्यपाल से मिलने उनके घर जाने वाले थे लेकिन राज्यपाल ने कहा कि वो खुद उनके घर आकर मिलना चाहते हैं.इसलिए वो आज उनके घर आये. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्यपाल के ये व्यवहार अभिभूत करने वाला है.
रविशंकर प्रसाद मेरे दोस्त,इसलिए मिलने आया – राज्यपाल
रविशंकर प्रसाद के आवास से निकलते हुए राज्यपाल ने कहा कि रवि शंकरजी हमारे मित्र हैं.हम पहले ही इनसे मिलने आना चाहते थे, लेकिन ये यहां नहीं थे तो आज आए हैं . मित्रता कोई नई नहीं है, जमाने से उनसे मित्रता है.
वहीं सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज आरिफ मोहम्मद खान साहब ने हमें अभिभूत किया है. जब वो पटना आए थे तो मैंने फोन किया फिर इनसे लंबी बात हुई . फिर कहा कि पटना आएंगे तो मिलेंगे . फिर केरल चले गए थे . जब लौट के 6 को आए तो हमने कहा कि 12, 13 14 में जो समय आप दीजिए, लेकिन उन्होंने कहा कि पहले मैं आपके घर आऊंगा . तो बहस बहुत चली उन्होंने कहा कि आप मेरे दोस्त है पहले मैं आपके घर आऊंगा . यह उनका बड़प्पन है, मैं उनका धन्यवाद देता हूं.
कुंभ जायेंगे आरिफ मोहम्मद खान – रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आरिफ मोहम्मद खान हर उपासना पद्धति के बारे में विद्वान हैं. उनसे मुलाकात के दौरान बिहार के शिक्षा पर बात हुई गीता पर बात हुई . अभी मुझे जानकर बहुत खुशी हुई कि वह कुंभ भी जा रहे हैं . दो-चार जगह उनका प्रवचन भी है और शिक्षा के प्रति बहुत प्रतिबद्ध लगे . मेरी शुभकामनाएं है. बिहार को बहुत ही लायक राजपाल मिले हैं . आज जो वह खड़े है यह तो शिष्टाचार की प्रकाष्ठा है कि पहले मैं आऊंगा . उनका बहुत स्वागत और अभिनंदन है . यही आरिफ मोहम्मद खान साहब की पहचान है . आदमी किसी जगह पहुंचे इन सारे रिश्तों का वजूद होता है . मैंने आज तक ऐसा राजपाल नहीं देखा कि जो कहे कि मैं आपके घर जाऊंगा . मैं भी जाऊंगा अब मिलना जुलना होता रहेगा . लेकिन ऐसा आचरण कम देखा जाता है .