सिरसा
(TBN BUERO NEWS)
राम रहीम के पैरोल को लेकर अंशुल छत्रपति ने बड़ा बयान दिया है.अंशुल छत्रपति ने कहा है कि राम रहीम के पैरोल के खिलाफ जल्द ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.राम रहीम के जेल से बाहर आने पर गवाहों को जान का खतरा बढ़ गया है.
अंशुल छत्रपति रामचंद्र छत्रपति के बेटे हैं. राम रहीम को रामचंद्र छत्रपति सहित दो और लोगों की हत्या के मामले में उम्रक़ैद की सजा हुई है.हत्या के अलावा राम रहीम पर 400 साधुओं को नपुसंक बनाने का केस भी विचाराधीन है.
अंशुल छत्रपति ने कहा है कि बलात्कार और हत्या के दोषी को इतनी आजादी देना सरकार की फेलियर की निशानी है.राम रहीम का चरित्र बलात्कार और हत्यारे के रूप में साबित हो चुका है.
हत्या बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राम रहीम को जब से पेरोल मिला है , तब से इसे लेकर चौतरफा विरोध हो रहा है. इसके बावजूद हरियाणा सरकार के मुखिया मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ‘राम रहीम के पेरोल से उनका कोई लेना देना नहीं है. कोर्ट ने सजा दी है और कोर्ट से ही पेरोल मिला है.’ हरियाणा सरकार के इस उदासीन रवैये पर पीडित अंशुल छत्रपति ने हरियाणा सरकार को जम कर खरी खोटी सुनाई है.
बलात्कारी राम रहीम के पैरोल को रद्द करने के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. उल्टा राम रहीम अपने दरबार लगा रहा है औऱ बाकायदा उसकी लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के एक मंत्री विक्रम सिंह राम रहीम के दरबार मे हाजिरी लगाते दिखाई दिये थे.जो सोशल मीडिया पर खासा वायरल भी हुआ था. मीडिया में लगातार राम रहीम को लेकर सवाल उठाये जाये रहे हैं. इसके बावजूद अब तक राम रहीम का पेरोल रद्द करने को लेकर सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है.
राम रहीम की रिहाई ऐसे समय में हुई है जब हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं. विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही है कि चुनावी फायदे के लिए राजनीतिक संरक्षण में राम रहीम को पेरोल दी गई है. माना जाता है कि आज भी पंजाब, हिमाचल, हरियाणा में राम रहीम के भक्तों की बड़ी संख्या में हैं
अब पीड़ित अंशुल प्रजापति ने जो सवाल खड़े किये हैं वो बेहद गंभीर हैं. देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है .