Friday, November 8, 2024

Anand Mohan : बाहुबली आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका,जेल से रिहाई मामले में केंद्र सरकार को नोटिस,कहा दे रहे हैं आखिरी मौका

नई दिल्ली :  बिहार के बाहुबली आनंद मोहन Anand Mohan की जेल से रिहाई मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है और 7 दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा है. अदालत ने केंद्र सरकार के वकील ये भी कहा कि जवाब देने के लिए आखिरी मौका दे रहे हैं.सुप्रीम कोर्ट ने Anand Mohan मोहन के पासपोर्ट भी सरेंडर करने के लिए कहा है.

Anand Mohan की रिहाई को उमा कृष्णैया ने दी है चुनौति  

गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया मर्डर केस के मुख्य अभियुक्त और आजीवन कारावास काट रहे आनंद मोहन की जेल से रिहाई को  सुप्रीम कोर्ट में दिवंगत जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा  कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने आज केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और सात दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को ये भी ताकीद की कि जवाब देने के लिए कोर्ट उन्हे ये अंतिम मौका दिया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन सजा को माफ कर जेल से बाहर लाने के फैसले को उनकी पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले मे अब अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.

पासपोर्ट सरेंडर करें आनंद मोहन – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आदे दिया है कि आनंद मोहन तत्काल अपना पासपोर्च स्थानीय थाने में सरेंडर करें.आनंद मोहन की जेल से रिहाी के मामले में मे कृष्णैया परिवार लगातार विरोध कर रहा है. कृष्णैया की बेटी ने आनंद मोहन की रिहाई के समय कहा था कि जिस आदमी ने एक हंसते खेलते घर को उजाड़ दिया, उनके बच्चो के बच्चों का बचन छीन लिया, जीनव भर उन्हें दशहत में रहने के लिए मजबूर किया उस व्यक्ति को जेल से रिहा करना ना केवल मेरे परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय  की बात है.

जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी ने भी उठाये थे सवाल 

डीएम कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया था कि बिहार सरकार ने प्रदेश के कारा कानून 2012 में संशोधन किया,  जो कानून सम्मत नहीं था. बता दें कि बिहार के तत्कालीन आरडेडी -जेडीयू (नीतीश) सरकार ने 2012 के कारा कानून में संशोधन करके बाहुबली हत्यारोपी आनंद मोहन को जेल से  बाहर लाने का रास्ता साफ किया था. सरकार के इस फैसल का विरोध लगातार जी कृष्णैया की पत्नी कर रही थी और आखिरकार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अर्जी लगाई.

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1994 में ऑनड्यूटी डीएम जी कृष्णैया की हुई थी नृ:शस हत्या

आपको बता दें कि गोपालगंज जी कृष्णैया ह्त्यकांड वो मामला था जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 1994 में गोपालगंज में पदस्थापित जिलाधिकारी की बीच सड़क पर घेरकर नृशंस हत्या कर दी गई थी. हत्या भी उस समय की गई जब वो एक मीटिंग में हिस्सा लेकर गोपालगंज लौट रहे थे.

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हत्या के मामले में आनंद मोहन को जिला अदालत से मौत की सजा मिली, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था.

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फिर पिछले साल (10 अप्रैल ,2023) बिहार सरकार ने जेल कानून में परिवर्तिन करते हुए 14 साल की सजा पूरी हो जाने के बाद आनंद मोहन को जेल से बाहर निकालने का रास्ता साफ कर दिया.

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