विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका के एक भारतीय व्यक्ति निखिल गुप्ता को हत्या की साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है और सरकार की नीति के विपरीत भी है.
जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है-विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा “जैसा कि हमने पहले कहा है, द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए. हम ऐसे इनपुट को बहुत गंभीरता से और उच्च स्तर पर लेते हैं. मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति की स्थापना की गई है. समिति की जांच के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हम ऐसे सुरक्षा मामलों के बारे में कोई और जानकारी साझा नहीं कर सकते.
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा, “जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में कथित तौर पर उसे एक भारतीय अधिकारी से जोड़ने का मामला दर्ज किया गया है, यह चिंता का विषय है. हमने कहा है और मैं दोहराना चाहता हूं कि यह सरकारी नीति के भी विपरीत है.” .
अमेरिका ने क्या लगाया था आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार को एक भारतीय नागरिक पर अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया. हलांकि अमेरिकी अधिकारियों के इस आरोप पत्र में सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून और उस भारतीय सरकारी अधिकारी का नाम नहीं बताया गया जिसने भारतीय व्यक्ति निखिल गुप्ता के साथ मिलकर इस साजिश को रचा था. अभियोग में सिर्फ ये कहा गया है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता ने कथित तौर पर पन्नून को मारने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए भारत सरकार के अधिकारी के साथ काम किया था. अभियोग में दावा किया गया कि गुप्ता सिख नेता को मारने के लिए एक हत्यारे को 1000,000 अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुआ था.
अभियोग में कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी उल्लेख किया गया है और कहा गया है कि निखिल गुप्ता ने हत्यारे को बताया कि निज्जर भी एक लक्ष्य था.
भारत को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए-कनाडा
यूएस फेडरल जांच एजेंसी के आरोपों के बीच कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा यही कहता रहा है और भारत को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए.
आपको बता दें, कनाडा ने सार्वजनिक रूप से भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच राजनयिक युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे. भारत ने कनाडा के आरोप को खारिज कर दिया था और कहा था कि कनाडा ने कोई सबूत नहीं दिया और वो हमेशा से चरमपंथियों को पनाह देता रहा है.
कनाडा को भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद विदेश मंत्रालय ने फिर अपना पक्ष रखते हुए दोहराया कि, कनाडा ने लगातार भारत विरोधी चरमपंथियों को जगह दी है और यही इस मुद्दे का मूल है. प्रवक्ता ने कहा, “कनाडा में हमारे राजनयिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को पूरा करेगी.”
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