Thursday, November 21, 2024

छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं का कमाल, 3 साल के मासूम को मिला नया जीवन

रायगढ़ 11 नवंबर ।  तीन तस्वीरों से समझा जा सकता है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं Health Facilities  पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार के प्रयास कैसे लोगों के जीवन में संजीवनी का काम कर रहे हैं। यह तस्वीर 3 साल के मासूम मानविक की है, जिसे जहरीले करैत सांप ने डस लिया था। मरणासन्न हालत में उसे मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में इलाज के लिए जब भर्ती कराया गया तो सांप का जहर पूरे शरीर में फैल चुका था उसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। शरीर में लकवे का असर दिख रहा था और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं आया था और उसे वेंटीलेटर में रखना पड़ा था। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ के डॉक्टरों ने एक हफ्ते तक गहन इलाज कर उसकी जान बचाई और नया जीवनदान दिया।

जहरीले सांप के जहर का इलाज

करैत भारत में पाए जाने वाले सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। सही समय पर इलाज न मिले तो जान बचने की गुंजाइश कम होती है। ऐसे में एक छोटे मासूम बच्चे की रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मिले उचित इलाज से जान बचाई जा सकी।

Health Facilities  ने 3 साल के बच्चे को बचाया

रायगढ़ के खरसिया ब्लॉक के औरदा गांव के निवासी तुलेश्वर चौहान के 3 साल के बेटे मानविक चौहान को सोते समय घर में सुबह पांच बजे के करीब जहरीले करैत सांप ने दाहिने हाथ की उंगली में काट लिया। परिजन बच्चे को सिविल अस्पताल खरसिया लेकर गए। वहां चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार कर बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में रेफर कर दिया गया। बच्चे को सुबह लगभग 8 बजे के आसपास संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ के आपातकालीन विभाग में अत्यंत गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया।

आईसीयू से बाहर आया बच्चा

बच्चे के शरीर में सांप का जहर फैल चुका था, बच्चे की आँखों की दोनों पलकों में लकवा मार चुका था, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, मुँह से झाग आ रहा था, बच्चे के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए थे एवं नाड़ी भी कमजोर हो रही थी। बच्चे को आपातकालीन विभाग में ही बाल्य एवं शिशुरोग विभाग के आपातकालीन ड्युटी में उपस्थित डाक्टरों द्वारा त्वरित ईलाज प्रारंभ कर चिकित्सकों की आपातकालीन टीम द्वारा आई.सी.यू. वार्ड में शिफ्ट किया गया।

गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ.एल. के. सोनी, विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशुरोग के नेतृत्व में डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों की टीम के अथक प्रयासों से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ। बच्चे के शरीर में सांप के जहर का असर कम होने के उपरांत बच्चे को 3 दिवस पश्चात वेंटीलेटर से बाहर निकाला गया। वेंटीलेटर से बाहर निकलने के पश्चात् बच्चे के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। एक हफ्ते तक चले गहन इलाज से बच्चे के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया।

परिजनों ने कहा Health Facilities  से लौटी बच्चे की मुस्कुराहट

किसी भी माता पिता के लिए अपने बच्चे को जिंदगी और मौत से लड़ते देखना बहुत हृदयविदारक होता है। नन्हा मानविक अपने माता पिता की इकलौती संतान है। करैत के डसने से उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं था। लेकिन मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने से उसका बेहतर इलाज संभव हुआ। पिता तुलेश्वर चौहान कहते हैं कि डॉक्टरों के प्रयासों से उसके बच्चे की मुस्कान वापस लौट आई।

Health Facilities के लिए संवेदनशील सरकार

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ के लिए यह जरूरी है कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कुशल चिकित्सकों के हाथों में रहे। लेकिन आज से 24 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक शासकीय मेडिकल कालेज था जिसमें मात्र 100 एमबीबीएस की सीटें थीं। बीते 24 वर्षों में राज्य में शासकीय मेडिकल कालेजों की संख्या 1 से बढ़कर 10 हो गयी है और एमबीबीएस की सीटें भी बढ़कर 1460 हो गयी हैं। शासकीय मेडिकल कालेजों में 291 स्नातकोत्तर की सीटें भी बढ़ी हैं जिससे राज्य को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल रहे हैं।

वो छत्तीसगढ़ जो 1 नवंबर 2000 को जन्म लेते समय बीमारू राज्य का दर्जा रखता था वो आज बीते जमाने की बात हो गयी है। वर्तमान में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार ये बात भली भांति समझती है कि भारत की तर्ज पर छत्तीसगढ़ को भी वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य ही वो पहली कड़ी है जो राज्य को सक्षम और समृद्ध बनाएगा। खुशी की बात ये है कि राज्य की वर्तमान सरकार इस पर लगातार प्रयास कर रही है और इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य स्तर पर डीकेएस और मेकाहारा जैसे अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का कार्य निरंतर जारी है। इसी तरह से जिले और ब्लाक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राज्य के लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रख रहे हैं।

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