ब्यूरो रिपोर्ट, पटना : सोमवार को आलोक कुमार मेहता Alok Kumar Mehta ने शिक्षा विभाग के मंत्री का पद कार्यभार संभाला.वह पिछले 1 साल से शिक्षा विभाग के कार्यों को देख रहे हैं.राज्य की शिक्षा व्यवस्था में निरंतर सुधार आया है. शिक्षा विभाग की ओर से दिए जा रहे कड़े निर्देश उस दवा की तरह हैं जो शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त बीमारियों को दूर कर देगा.
Alok Kumar Mehta ने कहा शिक्षा हमारी पहली प्राथमिकता
आलोक कुमार मेहता ने कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल सुधार के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं.प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार की चर्चा करते हुए, आलोक मेहता ने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है.इसके लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. शिक्षा क्षेत्र में नए सुधारो और लाये जा रहे हैं बदलावों को सभी छात्र शिक्षकों और अभिभावकों को स्वीकार करना चाहिए.यह राज्य के बच्चों के भविष्य के लिए आवश्यक है.
बैठक में के के पाठक भी रहे मौजूद
मंत्री आलोक मेहता ने मदन मोहन झा स्मृति सभागार में सभी अफसर के साथ बैठक की. अपर मुख्य सचिव के के पाठक भी बैठक में मौजूद थे.विभाग की ओर से प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी निदेशालयों के कार्यों के बारे में मंत्री को विस्तार से जानकारी दी गई है.बैठक में शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव,माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र,राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निर्देशक सज्जन आर और उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी, उपनिदेशक डॉक्टर दीपक कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
शिक्षा विभाग जल्द ही देश में मॉडल बनेगा
आलोक मेहता ने यह भी कहा है कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं.जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा है.आने वाले दिनों में इसे बेहतर किया जाएगा,ताकि हर बच्चे को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिले.शिक्षा विभाग जल्द ही देश में मॉडल बनेगा. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में सुधार को लेकर कुछ कड़े कदम उठाए गए हैं,जो थोड़ी कड़वी लग सकती है पर यह दवा का काम करेगी.