EVM-VVPAT Verification Case: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं.
शुक्रवार को कोर्ट ने उम्मीदवारों को रियायत देते हुए कहा कि, रिजल्ट घोषित होने के 7 दिन के भीतर उम्मीदवार दोबारा जांच की मांग कर सकता है. लेकिन इस प्रक्रिया में होने वाला खर्च उन्हें उठाना होगा. कोर्ट ने कहा कि माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर करेंगे. और अगर गड़बड़ साबित हुई तो उम्मीदवार का पैसा वापस कर दिया जाएगा.
चुनाव आयोग को कोर्ट का सुझाव
इसके साथ ही साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को सुझाव देते हुए कहा कि भविष्य में वीवीपीएटी पर्ची में बार कोड पर विचार करें. इसके अलावा बेंच ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी खारिज कर दी. मामसे की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ कर रही थी. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.
फैसले पर क्या बोले प्रशांत भूषण
मामले में याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा, “हम लोगों का यह कहना था कि EVM में प्रोग्रामेबल मेमोरी होती है इसलिए इसमें हेराफेरी हो सकती है… सुप्रीम कोर्ट ने हमारी इन मांगो को ठुकरा दिया है और कहा है कि चुनाव आयोग इसका सत्यापन करें कि सारे बैलट पेपर पर अगर हम बारकोड डाल दे तो उसकी मशीन से गिनती हो सकती है या नहीं…”
#WATCH दिल्ली: वकील प्रशांत भूषण ने कहा, “हम लोगों का यह कहना था कि EVM में प्रोग्रामेबल मेमोरी होती है इसलिए इसमें हेराफेरी हो सकती है… सुप्रीम कोर्ट ने हमारी इन मांगों को ठुकरा दिया है और कहा है कि चुनाव आयोग इसका सत्यापन करे कि सारे बैलट पेपर पर अगर हम बारकोड डाल दे तो उसकी… pic.twitter.com/nT7cQscAuO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 26, 2024