Akhilesh Yadav on DA arrears: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) के 18 महीने के बकाया को रोके रखने की खबर पर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की.
अखिलेश यादव ने सरकार के “वैश्विक आर्थिक महाशक्ति” बनने के दावों पर सवाल उठाया और कहा कि इन बकाया राशि का भुगतान न करना इस दावे की पोल खोलता है.
सरकार के ‘वैश्विक आर्थिक महाशक्ति’ बनने के दावे का मतलब क्या ये है कि कर्मचारियों को उनके अधिकार का पैसा भी नहीं मिले। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के डीए का एरियर देने से मना करना, एक तरह से ‘सरकारी गांरटी’ से इंकार करना है।
सरकार बताए लगातार बढ़ते… pic.twitter.com/A9T6Lysoh6
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 7, 2024
कई ‘ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ का पैसा कहाँ जा रहा है?
‘एक्स’ पर लिखे एक पोस्ट में, अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से ये बताने की मांग की है कि बढ़े हुए जीएसटी कलेक्शन का उपयोग कैसे किया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, अरबों के जहाज़ और टपकते भवनों के लिए तो पैसा है लेकिन सही मायने में सरकार को चलानेवाले कर्मचारियों के लिए नहीं. अखिलेश ने अपने पोस्ट में लिखा, “सरकार के ‘वैश्विक आर्थिक महाशक्ति’ बनने के दावे का मतलब क्या ये है कि कर्मचारियों को उनके अधिकार का पैसा भी नहीं मिले. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के डीए का एरियर देने से मना करना, एक तरह से ‘सरकारी गांरटी’ से इंकार करना है. सरकार बताए लगातार बढ़ते ‘जीएसटी कलेक्शन, कई ‘ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ का पैसा कहाँ जा रहा है? अरबों के जहाज़ और टपकते भवनों के लिए तो पैसा है लेकिन सही मायने में सरकार को चलानेवाले कर्मचारियों के लिए नहीं.“
सीमित आय वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार है- Akhilesh Yadav on DA arrears
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में बढ़ती महंगाई का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा, “एक तरफ़ महँगाई का बढ़ना दूसरी तरफ़ महँगाई भत्ता न मिलना, सीमित आय वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार है. घर की चिंता जब सिर पर हावी होगी, तो कार्य-क्षमता पर भी असर होगा, जिसका ख़ामियाज़ा सरकार को भुगतना पड़ेगा.“
भाजपा की सरकारें वैसे भी चुनाव लड़ती हैं, काम तो करती नहीं हैं-अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट खत्म किए जाने का भी जिक्र करते हुए लिखा, “भाजपा की सरकारें वैसे भी चुनाव लड़ती हैं, काम तो करती नहीं हैं, और जो काम करते हैं उनको उचित वेतन नहीं देतीं. भाजपा सरकार बुजुर्गों की भी सगी नहीं है, जिनके दवा-देखभाल के ख़र्चे तो बढ़ रहे हैं लेकिन पेंशन नहीं. अब क्या सरकार ये चाहती है कि वरिष्ठ नागरिक ‘पेंशन के लिए अनशन’ करें. रेलवे की छूट बंद करके वैसे भी भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों का अपमान-सा किया है.”