Friday, November 22, 2024

Air Pollution: दिल्ली (NCR) में वायु गुणवत्ता गिरकर हुई ‘बहुत खराब’, आने वाले दिनों में और खराब होने की है आशंका

SAFAR-इंडिया के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता गिरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 303 दर्ज किया गया. नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई क्योंकि शहर में दिल्ली से भी अधिक AQI 361 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. हालाँकि, गुरुग्राम में हवा की गुणवत्ता 193 पर ‘मध्यम’ श्रेणी में रही.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी तीन शहरों की औसत वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही, जिसमें दिल्ली की 261, नोएडा की 220 और गुरुग्राम की 224 सीपीसीबी थी.

दिल्ली में तापमान में गिरावट के साथ खराब हुई वायु गुणवत्ता

इससे पहले आज (शनिवार) सुबह, दिल्ली और नोएडा दोनों ‘खराब’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता के साथ उठे, क्योंकि सुबह 6.30 बजे SAFAR डेटा ने एनसीआर शहरों का AQI क्रमशः 286 और 255 दिखाया। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने मुख्य रूप से तापमान में गिरावट और धीमी हवा की गति के कारण हवा की गुणवत्ता खराब होने का अनुमान लगाया है.

जानिए कहा था कितना सीपीसीबी

वास्तविक समय सीपीसीबी डेटा के अनुसार, सुबह 8 बजे आनंद विहार में AQI 358, बवाना में 331, बुराड़ी में 337, द्वारका में 331, जहांगीरपुरी में 361, मुंडका में 361, पंजाबी बाग में 331 और नेहरू नगर में 333 था,.
पटाखों और पराली जलाने से बढ़ती है समस्या
ठंड और कोहरे की आहट के साथ ही उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. पटाखों और पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण से इसमें और इजाफा होता है जिससे सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर तक पहुंचा जाती है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस साल अब तक 2,500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं.

‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान भी शुरु

लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए दिल्ली को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण के तहत रखा गया है. इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार का ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान इस सप्ताह की शुरुआत में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की घोषणा के बाद 26 अक्टूबर को लागू किया गया था. अभियान का उद्देश्य लोगों को लाल बत्ती पर इंतजार करते समय अपने इंजन बंद करने के लिए प्रोत्साहित करके शहर में वायु प्रदूषण में कटौती करना है.

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