दिल्ली में हवा अब इतनी जहरीली हो गई है कि सरकार को प्राइमरी स्कूल बंद करने पड़ रहा है. दिल्ली-एनसीआर में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. हालत ये है कि अस्पतालों में सांस से जुड़ी शिकायतों के साथ आने वाले मरीज़ों की संख्या बढ़ गई है. इन सब परेशानियों के बावजूद न दिल्ली सरकार, न केंद्र सरकार को जनता की जान की फिक्र है. दोनों पार्टियां सिर्फ एक दूसरे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगाने में मगन है. नतीजा ये हुआ है कि प्रदूषण से परेशान लोग अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने को मजबूर हैं
10 नंवबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण पर सुनवाई
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश देने की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर अब 10 नवंबर को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा है कि शहर का एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया है जो पिछले कई सालों से नहीं हुआ. पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जिसके चलते हालात और खराब हो गए हैं.
राजधानी दिल्ली में (AQI) 472 (गंभीर) श्रेणी में है. नोएडा में भी एक्यूआई लेवल 562 यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है. दिन में भी धुंध और धुआँ चारों तरफ फैला नज़र आता है. बीमार लोगों की तो बात ही अलग है स्वस्थ लोग भी बीमार पर रहे है.
पूरे उत्तर भारत में है प्रदूषण की समस्या-केजरीवाल
दिल्ली में प्रदूषण और पंजाब में पराली के जलने को लेकर बीजेपी के निशाने पर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है. पूरे उत्तर भारत में हवा खराब है. यूपी, हरियाणा से लेकर राजस्थान और बिहार भी इससे परेशान है ऐसे में बीजेपी हमपर उंगली उठाने के बजाए केंद्र सरकार को कहें की वो कुछ करें. केजरीवाल ने प्रधानमंत्री ने सभी उत्तर भारत के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुला इस समस्या का हल निकालने की अपील की है.
हरियाणा सरकार भी जल्द लगाएंगी प्रतिबंध
दिल्ली-एनसीआर चौथे चरण की पाबंदियों को लागू करने के फैसले के बाद अब हरियाणा सरकार भी जल्द इसपर विचार कर सकती है, गुरुवार को हरियाणा में भी वायु गुणवत्ता काफी खराब रही. यहां 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 430 रहा. जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और प्रदूषण बोर्ड की बैठक होनी है जिसमें प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी फैसले लिए जाएंगे.
दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर बीजेपी-कांग्रेस की रार के बाद, अब राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पर सबकी नज़र
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