जमुई: देश के कोने कोने से आये दिन तरह तरह के अपराध से जुडी खबरें सामने आती है. कहीं से चोरी डकैती तो कहीं से हत्या लेकिन आज के दौर में अपराधी और शांति और हाई टेक हो रहे हैं. जहाँ अपराधी टेक्नोलॉजी के ज़रिये और लोगों को बेवक़ूफ़ बनाकर उनकी तिजोरी पर सेंधमारी कर रहे हैं. देश के कोने कोने में जामताड़ा जैसी घटनाएं सामने आ रही है. ताज़ा मामला सामने आया है बिहार के जमुई से जहां अंतरराष्ट्रीय एवं अंतर्राज्यीय साइबर अपराधी को जमुई पुलिस ने लक्ष्मीपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया है. जिस पर लक्ष्मीपुर, जमुई, बेगूसराय सहित विभिन्न थानों में आधा दर्जन से अधिक साइबर फ्रॉड व पाकिस्तान से अवैध तरीके से पैसे की लेनदेन का मुकदमा दर्ज है.
क्या है पूरा मामला?
गिरफ्तार साइबर अपराधी की पहचान लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के मंगरार गांव निवासी मनोज सिंह के पुत्र राजीव सिंह के रूप में हुई है. उक्त जानकारी जमुई एसडीपीओ सतीश सुमन ने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता के दौरान दी है. उन्होंने बताया कि जमुई जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पाकिस्तान से अवैध वित्तीय अंतरण करते हुए विधि- विरुद्ध क्रियाकलाप साइबर फ्रॉड एवं साइबर आतंकवाद के आरोप के संबंध में लक्ष्मीपुर थाना कांड संख्या 185/ 2022 दर्ज किया गया था. इस कांड में पूर्व में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था. उस वक्त भी गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पाकिस्तान के अलग-अलग बैंकों के कई चेक बुक का फोटो तथा 2,37,900 रुपया नगद बरामद किया गया था. जिसका संबंध महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड समेत विभिन्न राज्यों से जुड़ा था.
मामले को लेकर पुलिस ने दी जानकारी
आगे एसडीपीओ ने बताया कि एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन को इस कांड में वांछित अभियुक्त राजीव सिंह के संबंध में गुट सूचना मिली थी. सूचना के बाद उनके नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. टीम द्वारा साइबर आतंकवाद एवं यूएपीए के वांछित अभियुक्त राजीव सिंह को गिरफ्तार किया गया.
इस गिरफ्तारी से पुलिस को उक्त कांड के अनुसंधान से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर राज्ययीय विधि- विरुद्ध क्रियाकलाप साइबर आतंकवाद एवं साइबर फ्रॉड के संगठित नेटवर्क को ध्वस्त करने में कामयाबी मिलेगी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधी राजीव सिंह का पूर्व में आपराधिक इतिहास भी रहा है. वहीं छापेमारी टीम में लक्ष्मीपुर थानाध्यक्ष राजवर्धन कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक विवेक कुमार चौधरी, अरुण राय, डीआईयू की टीम और लक्ष्मीपुर थाना के सशस्त्र बल शामिल थे.