श्रद्धा हत्याकांड मामले में अभी भी पुलिस सबूत जुटाने में लगी हुई है. लगातार मामले में नए खुलासों के बीच अब हत्यारे आफताब ने श्रद्धा ह्त्या कांड में हत्या के मकसद को लेकर बड़े खुलासे किये हैं . आफताब ने वो सच कबूल किया है जिसे जानने के लिए दिल्ली पुलिस पिछले दो महीनों से आफताब के पीछे हाथ धो कर पड़ी थी . आफताब ने कबूल किया है कि उसने श्रद्धा को क्यों मारा .
अफताब का कबूलनामा
चार्जशीट के मुताबिक, कातिल आफ़ताब ने कबूल किया. उसने अपने कबूलनामे में आफताब ने कबूल करते हुए कहा है कि ‘ मैं श्रद्धा को लेकर possessive था. जिसके चलते कई बार आफताब झगड़े में श्रद्धा के साथ मारपीट कर देता था. इन्ही झगड़ों की शिकायत श्रद्धा ने मुंबई पुलिस में दर्ज कराई थी. सिर्फ इतना ही नहीं आफताब ने बताया कि हम दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार करने के लिए ट्रिप का प्लान किया और हम दोनों ट्रिप पर 28-29/03/2022 को मुंबई से निकल गए और हरिद्वार पहुँच गए और फिर हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमते हुए पारवती वैली पहुंचे और जहाँ हमे बद्री नाम का लड़का मिला. जिससे हमारी बंबल App से दोस्ती हुई थी. उसीने हमे अपने घर दिल्ली आने के लिए कहा था. हम करीब एक सवा महीने घूमने के बाद मई 2022 के पहले हफ्ते लगभग 05/05/2022 को बद्री के घर छत्तरपुर पहाड़ी दिल्ली पर पहुंचे थे. इस दौरान आफताब ने बताया कि बद्री के घर पर आफताब और श्रद्धा करीब आठ-दस दिन रुके. लेकिन वहां भी आफताब और श्रद्धा के बीच झगडे होते रहे . इस कारण से हमारा ब्रेक अप हो गया था. आफताब ने कबूलनामे में कहा कि मेरे और श्रद्धा के बीच मे अक्सर झगड़े होने के कारण बद्री ने हमे अपने घर से जाने को कहा और इसके बाद करीब दो दिन बाद रुककर दिनांक 16/05/2022 से हम दोनों ने ब्रोकर राहुल रॉय के जरिये रोहन कुमार नील के मकान H. No. 93, Gali No. 1. 60 फूटा रोड, छत्तरपुर पहाड़ी, नई दिल्ली में 1st Floor का कमरा किराए पर लिया. ये वही कमरा था जहाँ श्रद्धा को आफताब ने टुकड़ों में काटा .
आफताब ने कैसे की श्रद्धा की हत्या
उस दौरान दोनों की कही जॉब भी नहीं थी और सारा पैसा ट्रिप मे खर्च हो चुका था. तो यहाँ पर भी हम दोनों में छोटी छोटी बातों को लेकर काफी झगड़ा होने लगा और फिर 18 मई 2022 की शाम को करीब 6 – 6.30 बजे मुझे अपने किराए के घर वसई से जाकर घर का सामान लाने की टिकट बुक कराई थी लेकिन तब आफताब ने उसे तबीयत खराब होना बतलाकर जाने से मना किया. जिसपर श्रद्धा गुस्सा हो गई. उस वक्त श्रद्धा ने कहा कि दोनों के पास केवल दो बेग है और खाने पीने का कोई सामान नहीं है और रोजाना मार्केट का खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. ये कहकर श्रद्धा ज़िद करने लगी तो मैंने उसे आधा पैसा खर्चे का देने की बात कही. जिस पर श्रद्धा आग बबूला हो गई और मुझे गाली गलोच करने लगी. जिसके बाद दोनों में झगड़ा शुरू हो गया. आफताब ने उस वक्त सोचा कि क्यों न हमेशा की इस आदत से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए श्रद्धा को रास्ते से हटाने की ठान ली. जिसके बाद आफताब ने श्रद्धा को जान से मारने के लिए उसको पकड़ कर फर्श पर गिराया और उसकी छाती पर बैठकर अपने दोनों हाथों से कसकर उसका गला तब तक दबाये रखा. जब तक वह मर नहीं गयी और उसकी डेड बॉडी को बाथरूम में छिपा दिया.
आफताब ने श्रद्धा की लाश को कैसे लगाया ठिकाने
इसके बाद आफताब ने उसकी डेड बॉडी को डिस्पोस करने के लिए उसकी डेड बॉडी के छोटे छोटे टुकड़े करके किसी बड़े ब्रीफकेस में डालकर कही फेंक आने की प्लानिंग की और 60 फूटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी से जंगलों में जा कर काफी दिनों तक फेंकने लगा और ऐसा कर उसने श्रद्धा की लाश को ठिकाने लगाया . इसके बाद 19 मई 2022 को आफताब ने मंदिर वाली रोड छत्तरपुर के पास एक दुकान से ट्रेश बैग, एक चाकू और एक चॉपर खरीदा और चाकू को बैग में रख दिया था. इस दौरान बैग में पड़े चाकू से आफताब के हाथ में कट लग गया . जिसका इलाजे कराने के लिए आफताब ने पड़ोस के डाक्टर के पास गया . जहाँ डॉक्टर ने उसके पांच टाँके लगाए. इसके बाद आफताब ने फ्रिज खरीदा. जिसके लिए उसने Rs. 25000 का पेमेंट अपने सिटी बैंक के क्रेडिट कार्ड से किया. फ्रिज आने के बाद आफताब ने श्रद्धा को काटना शुरू किया. उसने श्रद्धा की डेड बॉडी के दोनों पैरों के घुटने और एड़ियों से काटकर उनको ट्रैश बैग में डाल कर वहां पैक किया था. जिसके बाद कटे हुए बॉडी पार्ट्स को ख़रीदे हुए फ्रिज के फ्रीज़र में रख दिए और बॉडी पार्ट्स को काटने के बाद फैले खून को साफ़ करने के लिए ब्लिंकर शोपिंग APP से हार्पिक डिसइंफेक्टेंट टॉयलेट क्लीनर ब्लीच की 2 बोतल. एक पोल्य्सर आल चोप चोप्पिंग बोर्ड, गैंडा शाइन एक्स गिलास क्लीनर की 500 ML की 2 बोतल एक गोदरेज प्रोटेक्ट जर्म फाइटर एक्वा लिक्विड हैंड वाश की बोतल से आफताब ने फैले हुए खून को साफ़ किया.
इसके बाद 20.मई .2022 को आफताब ने डेड बॉडी को काटकर डिस्पोसे करने के लिए प्लानिंग के तहत महरौली मार्किट से एक बड़ा ब्रीफकेस लाल रंग का भी खरीदा था. पहले वो उसी सूटकेस में बॉडी लेजाने वाला था लेकिन पकड़े जाने के डर से उसने डेड बॉडी को डिस्पोसे करने के लिए उसकी डेड बॉडी के छोटे छोटे टुकड़े जंगल में अलग अलग जगह पर फेंकने की दुबारा प्लानिंग बनायी थी. शाम को उसकी बॉडी से उसका सिर और बाकी के बॉडी पार्ट्स को काटकर अलग कर लिए और उसके पेट से उसकी अंतड़िया निकालकर पॉलिथीन में डालकर 60 फूटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी के कोने पर रखे बड़े बड़े डस्टबिन में डाल दी और उसके अन्य बॉडी पार्ट्स जैसे कि श्रद्धा का सिर बॉडी के TORSO और दोनों कलाइयां को छोड़कर उसकी उँगलियों को ब्लो टोर्च से जलाकर 60 फूटा रोड, छत्तरपुर पहाड़ी के रोड पार उसका एक पैर और पेल्विक के पार्ट्स शमशान घाट के पास नाले वाले जंगल में फेंक दिए. उसके एक हाथ का अंगूठा धान मिल की दिवार के पास और अन्य बॉडी पार्ट्स हाथ और अन्य हिस्से रेन बसेरा छत्तरपुर एन्क्लेव के पीछे जंगल और उसके दूसरे पैर को गुड़गाँव की तरफ जाने वाले MG रोड पर 100 फूटा रेड लाइट के पास छत्तरपुर पहाड़ी के पास जंगल मेंफेंक दिए. और बाकि के टुकड़े उसने पेट्रोल डालकर जला भी दिए .
तो ये था आफताब का पूरा कबूलनामा अब देश कि अवाम ये आशा कर रही है कि शायद अब शरधा को इन्साफ और आफताब को उसके किये कि सज़ा मिलेगी .