Pritinker Diwaker case: इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने अपने रिटायरमेंट भाषण में कॉलेजियम पर बेहद ही संगीन आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि 2018 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से उनका ट्रांसफर किया गया था. वह ट्रांसफर सिर्फ उन्हे परेशान करने के लिए किया गया था. उस वक्त भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा कॉलेजियम के प्रमुख थे. जो 21 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए हैं.
Pritinker Diwaker case में उनका ट्रांसफर गलत इरादे से हुआ
अपने भाषण में न्यायमूर्ति ने कहा कि उनको लगता है की उनका ट्रांसफर का आदेश गलत इरादे से जारी किया गया था. रिटायरमेंट के मौके पर किसी न्यायाधीश का इस तरफ की टिप्पणी करना असामान्य है. पूर्व सीजेआई द्वारा Pritinker Diwaker का 2018 में छत्तीसगढ़ से इलाहाबाद ट्रांसफर किया गया था. न्यायमूर्ति दिवाकर ने कहा, 31 मार्च, 2009 को मुझे बेंच में पदोन्नत किया गया. मैंने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक न्यायाधीश के तौर पर अक्तूबर, 2018 तक अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया. मेरे कार्यों से सभी संतुष्ट थे. अचानक भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मुझ पर अधिक ही प्यार दिखाया, जिसकी वजह मुझे अब भी नहीं पता. उन्होंने मेरा स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट में क्यों कर दिया, जहां मैंने 3 अक्तूबर, 2018 को कार्यभार ग्रहण किया था.”
अपने करियर की पीड़ा जाहिर करी
उन्होंने अपने करियर की पीड़ा जाहिर करते हुए यह भी कहा, मेरा स्थानांतरण आदेश मुझे परेशान करने के इरादे से जारी हुआ प्रतीत हुआ, हालांकि यह मेरे लिए वरदान साबित हुआ. यहां मुझे मेरे साथी न्यायाधीशों और बार के सदस्यों की तरफ से जबरदस्त सहयोग और समर्थन मिला. वह इस साल की शुरुआत में, न्यायमूर्ति दिवाकर के नाम की सिफारिश प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचू़ड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए की गई और न्यायमूर्ति दिवाकर को 13 फरवरी, 2023 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. 26 मार्च, 2023 को उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली थी.
ये भी पढ़ें-BJP complain to EC:पीएम पर Rahul Gandhi और मल्लिकार्जुन खड़गे के बयानों से नाराज़…