Sunday, March 16, 2025

गरुड़ पुराण के अनुसार ये हैं 5 महापाप, जिनके कारण आत्मा को भी भोगना पड़ता है कष्ट

हिंदू धर्म के कई प्रमुख ग्रंथों व शास्त्र हैं. जिनमें से एक गरुड़ पुराण को महापुराण कहा जाता है. गरुड़ पुराण में मनुष्य के जीवन, मृत्यु, पाप-पुण्य व धर्म के बारे में विस्तार से वर्णन मिलता है. इस पुराण में व्यक्ति को द्वारा जो पाप होते हैं उनके बारे में भी गहराई से बताया गया है.

दरअसल, गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति जो भी कर्म करता है उसका फल मरने के बाद उसकी आत्मा को भोगना पड़ता है. फिर चाहे व पुण्य कर्म हो या पाप कर्म. ऐसे में आपको बता दें कि गरुड़ पुराण में इस बात का जिक्र मिलता है कि जीवन में कुछ ऐसे पाप कर्म होते हैं जिनसे हमें बचकर रहना पड़ता है, नहीं तो हमें इसके कड़े परिणाम हमें भुगतने पड़ते हैं. ये हमारी आत्मा के लिए भी अत्यधिक हानिकारक बताए गये हैं.

ब्राह्मण हत्या
गरुड़ पुराण के अनुसार, ब्राह्मण हत्या का पाप सबसे बड़ा पाप माना गया है. माना जाता है कि ब्रह्मणों को विद्या और धर्म का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इनकी हत्या करना करना आपके लिए बेहद कष्टकारी हो सकता है व आपकी आत्मा को भी इस पाप से कई कष्ट मिल सकता है.

गौ-हत्या
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और ऐसे में गरुड़ पुराण में इस बात का स्पष्ट विवरण मिलता है कि गौ-हत्या महापाप होता है. अगर कोई व्यक्ति गौ-हत्या जैसे पाप का भागी बनता है तो उसे अत्यधिक दुखों का सामना करना पड़ सकता है और आत्मा को भी कई कष्ट मिलते हैं.

माता-पिता की अनादर
माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया गया है. ऐसे में अगर हम अपने माता-पिता का अपमान करते हैं या फिर उनकी बातों की अव्हेलना करते हैं तो इससे बहुत बड़ा पाप माना जाता है. गरुड़ पुराण में इस पाप को बड़े पापों में शामिल किया गया है. इसलिए अपने माता-पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिए.

किसी का शोषण करना
गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर आप अपने फायदे के लिए किसी का शोषण करते हैं, या अनुचित तरीके से किसी की संपत्ति को हड़पते हैं या किसी के साथ दुष्कर्म करते हैं तो यह ना केवल आपके लिए बल्कि आपकी आत्मा के लिए भी काफी कष्टकारी हो सकता है. क्योंकि गरुड़ पुराण में इस महापाप माना जाता है.

धर्म के मार्ग से विचलित होना
व्यक्ति को हमेशा अपने जीवन में धर्म के मार्ग पर चलने की सलहा दी जाती है, क्योंकि जो व्यक्ति
अपने जीवन में धर्म मार्ग से भटक जाता है और नाना प्रकार के पाप कर्म में लीन हो जाता है उसका विनाश होना निश्चित हो जाता और वह गरुड़ पुराण में बताई गई सजा का पात्र भी बन जाता है. इसलिए हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए.

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