Friday, November 22, 2024

Waqf Board case: दिल्ली की एक अदालत ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान को दी जमानत, रिहा करने का भी दिया आदेश

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने वक्फ बोर्ड मामले (Waqf Board case) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से भी इनकार कर दिया.

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की कोई मंजूरी नहीं है-कोर्ट

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले में “उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं”, लेकिन “उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की कोई मंजूरी नहीं है.”
इस बीच अदालत ने खान को न्यायिक हिरासत से जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. ईडी ने पिछली सुनवाई में अदालत से पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का आग्रह किया था, जिसमें तर्क दिया गया था कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत खान पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.

Waqf Board case: 29 अक्तूबर को ईडी ने दायर किया था 110 पन्नों का पूरक आरोपपत्र

ईडी ने 29 अक्टूबर को इस मामले में 110 पृष्ठों का पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें उनकी पत्नी मरियम सिद्दीकी का भी नाम था.
खान और सिद्दीकी का नाम पूरक आरोपपत्र में नाम आने के बाद ही सामने आया है, क्योंकि ईडी ने इस मामले में 9 जनवरी को चार लोगों के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड के पदों पर नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के लिए पहला आरोपपत्र दाखिल किया था. इस मामले में गिरफ्तार किए गए चारों व्यक्ति जीशान हैदर, दाउद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जावेद इमाम सिद्दीकी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि खान को 2 सितंबर को ईडी द्वारा उनके ओखला स्थित आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था.

खान पर है दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती का आरोप

आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने वर्तमान मामले में जमानत याचिका भी दायर की थी. ईडी के शुरू की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच दो एफआईआर, वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई का मामला और दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के दर्ज कथित आय से अधिक संपत्ति का मामला से प्रेरित है.
ईडी ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए नकदी के रूप में “अपराध से बड़ी आय” प्राप्त की और प्राप्त धन को अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने में निवेश किया.

ये भी पढ़ें-

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news