भोपाल इन दिनों बिग फैट शादियों का चलन है.कोई दिखावे के लिए तो कोई अपने अरमानों के लिए शादियों पर दिल खोल कर लाखों करोड़ों खर्च करते हैं. इसके लिए उन्हें चाहे कर्जे ही क्यों ना लेने पड़े. भारतीय शादियों में ये आम बात है लेकिन भोपाल के एक दंपत्ति ने बिना दहेज उपहार लिये,बिना फिजूलखर्ची किये सादगीपूर्ण शादी करके मिसाल बनाई है.
हम बात कर रहे हैं भोपाल CID में कार्यरत सब इंस्पेक्ट पंकज सूर्यवंशी और सिवनी के सहकारिता विभाग में अधिकारी विजेता सूर्यवंशी के बारे में . ये दोनों सरकारी सेवा में कार्यरत हैं और इन्होंने बुधवार कोर्ट में बिना किसी तामझाम के शादी की. इस शादी में ना कोई दहेज अपहाल , ना कोई बैंड बाजा .. सब कुछ साधारण तरीके से हुए. लेकिन इस साधारण शादी के मकसद ने एस बेहद बड़ा बना दिया
बिना बैंड बाजा बारात के दूल्हा दुल्हन बने पंकज और विजेता ने संकल्प लिया है कि उनके परिजनों ने उनकी शादी के लिए जो पेैसा रखा था उसका उपयोग ये दोनों गरीब लड़कियों की पढ़ाई के लिए करेंगे. इन के इस मसद ने इन्हें दूसरे युवाओं से बेहद अलग मुकाम दिया है.
आम तौर पर इस तरह की शदियां लव मैरेज में होती है लेकिन ये पूरी तरह से अरेंज मौरेज था इसके बावजूद दोनों के इरादों ने एक दूसरे को साथ ला दिया.पंकज और विजेता ने मदद के लिए पंकवि फांडेशन और एकता लाइब्रेरी बनाई है . इस फाउंडेशन का मकसद लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करना है .इस तरह दोनों अपनी शादी के बचे हुए पैसों से पंकवि फाउंडेशन के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर बालक-बालिकाओं की शिक्षा (विशेषकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही लड़कियों की शिक्षा ) के लिए खर्च करना चाहते हैं.
पंकज और विजेता द्वारा पिछले 10 सालों से छिंदवाड़ा में एकता कोचिंग क्लासेस के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं (विशेषकर लड़कियों) की मदद बी कर रहे हैं. यहां निशुल्क कोचिंग के जरिये छात्र छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैार किया जाता है, अभी तक 20 से अधिक छात्र-छात्राओं का चयन विभिन्न शासकीय सेवाओं में हो चुका है. हाल ही में 5 लड़कियों का चयन मध्य प्रदेश पुलिस एवं स्कूल शिक्षा विभाग में हुआ है.
बहरहाल, पंकज और विजेता आज के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं. जिस तरीके से दोनों ने शादी की है, उसने समाज को एक नई दिशा दी है. पंकज और विजेता दोनों ही साधारण किसान परिवार से आते है. दोनों की यहां तक पहुंचने की यात्रा काफी संघर्षपूर्ण रही है. दोनों अपनी कड़ी मेहनत,कुछ बेहतर करने की जिद और जुनून की बदौलत इस मुकाम तक पहुँचे है. दोनों ही बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने के साथ ही उनको नैतिक, वैचारिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने के अलावा वृक्षारोपण,जलसंरक्षण जैसे पर्यावरण हितैषी कार्य भी कर रहे है.
अपने बच्चों के इस सरहानाय कार्य से माता पिता भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. विजेता सूर्यवंशी की मां आशा सूर्यवंशी जो खुद एक शिक्षक हैं उन्होंने बताया कि उन्हें बेटी के इस निर्णय पर उन्हें गर्व है.
पंकज और विजेता दोनों ही अपने कार्यक्षेत्रों में उत्कृष्टता एवं विशेष कार्यशैली के साथ कार्य कर रहे है. विगत दिनों में पंकज सूर्यवंशी द्वारा एक प्रकरण में दिए गए विशेषज्ञ अभिमत के आधार पर आरोपी को 1 करोड़ रुपये के अर्थदण्ड एवम 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है, इस उत्कृष्ट कार्य के लिए पंकज सूर्यवंशी को पुलिस महानिदेशक द्वारा 10,000/- दस हजार रुपये के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.