Sikkim Landslide : देश में समय से पहले आया दक्षिण पश्चिम मानसून महाराष्ट्र में आकर ठिठक गया है. मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बनी स्थिति के कारण मानसून तेजी से आगे बढ़ा था अब वह स्थितियां कमजोर होने लगी है. ऐसे में मानसून 26 मई से 1 जून तक मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानी, पटना, पुरी के आसपास अटका हुआ है. वहीं देश के पूर्वोत्तर में भारी बारिश व बाढ़ का सिलसिला जारी है.
#JUST IN: #Sikkim administration begins evacuation of stranded tourists from Lachung, Mangan district. About 1250 tourists were stranded following massive landslides. Evacuation to be completed shortly as weather improves. Local residents, drivers, hotel association members help… pic.twitter.com/1wzUIy6ILo
— Pooja Mehta (@pooja_news) June 2, 2025
Sikkim Landslide : सिक्किम में 1500 पर्यटक फंसे
सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में पिछले कई दिनों से जारी बारिश और भूस्खलन सड़कें अवरुद्ध हो गईं और करीब 1500 पर्यटक फंस गए. चुंगथांग को लाचेन और लाचुंग से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद पर्यटक परमिट जारी करना रोक दिया गया है. खबर है कि आर्मी कैंप पर हुए लैंडस्लाइड में 3 लोगों की मौत हो गई, और 9 जवान लापता है. लापता जवानों को ढ़ूढने के लिए तलाशी अभियान जारी है.
पूर्वोत्तर में 32 की मौत
पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश और बाढ़ के कारण हुए हादसों में अभी तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है. अरुणाचल प्रदेश, असम और मिजोरम में भारी नुकसान हुआ है. असम में बाढ़ के कारण 78,000 लोग प्रभावित हुए है. रेल सेवाएं भी बाधित हुई हैं. मणिपुर में आई बाढ़ के बाद उपजे हालात में भारतीय सेना और असम राइफल्स ने ‘ऑपरेशन ‘ऑपरेशन जल राहत 2’ शुरू किया. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.
सड़क मार्ग बहाल, जल्द शुरु होगी पर्यटकों की वापसी
राहत कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक लाचुंग के लिए सड़क मार्ग को बहाल होकर लिया गया है, जल्द ही अब पर्यटकों को यहां से निकालने का काम शुरु होगा. BRO की टीम ने भूस्खलन के कारण सड़कों पर जमा हुए मलबे को साफ कर दिया और क्षतिग्रस्त हो चुके सड़के के हिस्से को फिर से बनाया है. फिडांग में ‘सस्पेंशन ब्रिज’ के पास आई दरारों को भर दिया गया है ताकि यहां हुए पर्यटक लाचुंग-चुंगथंग-शिपज्ञेरे-शंकलांग-डिकचू रोड के जरिये निकाले जा सकें.