Asian Development Bank : ना तो इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और ना ही वर्ल्ड बैंक, भारत के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपनी तिजोरी खोल दी है. ADB ने भारत के सामने एक ऐसी पेशकश सामने रख दी है, जो आज तक किसी के लिए नहीं रखी गई होगी. खास बात तो ये है कि मौजूदा समय में आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान पर कुछ ज्यादा ही मेहबारन दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में भारत की ओर एडीबी का हाथ बढ़ाना काफी दिलचस्प है. एडीबी की ओर से हर साल जितना कर्ज देने की बात कही गई है, उससे भारत की इकोनॉमी को काफी बड़ा बूस्ट मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर एडीबी ने भारत को हर साल कितना पैसा देने की बात कही है.
Asian Development Bank : इतना पैसा देने का तैयार
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मासातो कांडा ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत को हर साल 4.5 अरब डॉलर तक का लोन देने के लिए तैयार है. कांडा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, कल मैंने भारत के साथ एडीबी की साझेदारी को मजबूत करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि एडीबी प्रत्येक वर्ष चार अरब डॉलर से 4.5 अरब डॉलर के बीच लोन देने के लिए तैयार है. एडीबी निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में लगभग एक अरब डॉलर उपलब्ध कराने के लिए भी तैयार है, साथ ही अतिरिक्त थर्ड पार्टी कैपिटल भी जुटाएगा.
सीतारमण से हुई थी मुलाकात
उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी ने बड़ी, उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं पर तेजी से काम करने पर सहमति जताई है. इनमें सौर छतों के लिए उसका समर्थन भी शामिल है, जिससे पूरे देश में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में तेजी आ सकती है. उन्होंने कहा कि मंत्री के अनुरोध पर एडीबी खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन, रोजगार सृजन और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देकर एकीकृत ग्रामीण समृद्धि के लिए समर्थन को और तेज करेगा. सीतारमण ने गुरुवार को कांडा के साथ बैठक के दौरान, एकीकृत ग्रामीण समृद्धि उपायों के लिए एडीबी से और अधिक सहयोग देने का आग्रह किया था, जिसमें रोजगार और स्थानीय उद्यमिता का सृजन, तथा कृषि में नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है, ताकि गांवों को मजबूत समुदायों में बदला जा सके.
भारत की इकोनॉमी सबसे तेज
हाल ही में भारत की इकोनॉमी के आंकड़े सामने आए हैं. इसके तहत भारत की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी है, जोकि दुनिया के तमाम बड़े देशों के मुकाबले में सबसे तेज है. खास बात तो ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है और इस वित्त वर्ष में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है. जिसके अगले 3 साल में तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का अनुमान लगाया गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि साल 2047 तक भारत की इकोनॉमी को विकसित करना है. एक अनुमान के अनुसार तब भारत की इकोनॉमी 30 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है.