Field Marshal Asim Munir : पूरी दुनिया में संभवतह पाकिसतान ही एक ऐसा देश हैं जहां मुंह की खाने के बाद भी आर्मी चीफ को पद्दोन्नति से नवाजा जाता है. भारत के साथ चली लड़ाई में हर मोर्चे पर पाकिस्तान को शिकस्त मिली, इसके बावजूद पाकिस्तान ने आर्मीचीफ असीम मुनीर को पदोन्नति देकर फील्ड मार्शल बना दिया गया.
Field Marshal Asim Munir: सेना का सर्वोच्य पद है फील्ड मार्शल,आजीवन मिलेगी पेंशन और सुविधाएं
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का पद सेना का सर्वोच्य पद है जो चार सितारा अफसर (जेनरल) से भी उपर 5 सितारा रैंक है. ये पद समान्य तौर से सेना में नहीं होता बल्कि युद्ध आदि के समय फील्ड मार्शल बनाये जाते हैं. असीम मुनीर इस पद पर तैनात होने वाले दूसरे सेनाधिकारी बन गये हैं.मुनीर से पहले मुहम्मद अयूब खान को फील्ड मार्शल बनाया गया था,जो सत्ता पलटकर खुद राष्ट्रपति बन गये थे.
असीम मुनीर को मिला रणनीतिक तजुर्बे का लाभ
पाकिस्तान सरकार ने जेनरल मुनीर को ऐसे समय में पदोन्नती दी है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर को फिलहाल भारत सरकार ने स्थगित किया. माना जाता है कि पहलगाम में धर्म पूछकर पर्यटकों को मारने की रणनीति के पीछे जनरल मुनीर के बयान का भी योगदान था.
क्या असीम मुनीर भी कर सकते हैं तख्तापलट ?
पाकिस्तान का इतिहास सैन्य तख्तापलट से भरा है. तख्तापलट कर खुद शासन को अपने हाथ मे लेने वालों में सबसे पहला नाम फील्ड मार्शल मुहम्मद अयूब खान का है. अयूब खान पाकिस्तन में इस पद पर पदोन्नत होने वाले पहले और एकमात्र सैन्य अधिकारी थे.लेकिन अयूब खान के सत्ता संभलाने के बाद कई वर्षों तक देश में राजनीतिक अशांति, अस्थिरता और भ्रष्टाचार चरम पर रहा.लोगों के लगातार विरोध के बाद 1958 में राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्ज़ा ने देश में मार्शल लॉ घोषित किया और जनरल अयूब खान को मार्शल लॉ का मुख्य प्रशासक नियुक्त कर दिया.
अयूब खान ने राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा को दिया निर्वासन , बन गया राष्ट्रपति
राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा ने हलांकि ये कदम देश में स्थिरता लाने और व्यवस्था में सुधार के लिए उठाया था लेकिन अयूब खान के साथ ही पाकिस्तान में सैनिक दबदबे वाली शासन की शुरुआत हो गई. मुख्य प्रशासक नियुक्त होने के साथ ही अयूब खान ने इस्कंदर मिर्जा को हटाकर पूरी तरह से शासन पर कब्जा कर लिया. राष्ट्रपति को पाकिस्तान से निर्वासित करके इंग्लैंड भेज दिया. 1965 में भारत के साथ युद्ध में हार के बाद अयूब खान की लोकप्रियता घटी और 1969 में देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा.
जनरल याह्या खान बने राष्ट्रपति
अयूब खान के बाद बाद जनरल याह्या खान राष्ट्रपति बने. लेकिन देश और मिलिट्री दोनो ने याह्या का विरोध किया और सत्ता जुल्फिकार अली भुट्टो के पास आ गई. जुल्फिकार अली भुट्टो 1972 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने . उन्होंने देश से मार्शल लॉ समाप्त किया लेकिन 1977 में उनके साथ भी भाग्य ने वही खेल खेला . पाकिस्तान से बांग्लादेश के अलग होने के बाद सेना प्रमुख जनरल जिया-उल-हक के नेतृत्व में एक सैन्य तख्तापलट हुआ.
जनरल मुशर्रफ बने राष्ट्रपति
ऐसे ही तख्ता पलट 1999 में हुआ जब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को हटाकर सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने देश की कमान संभाल ली. मुशर्रफ ने आते ही संविधान को निलंबित कर दिया और देश में आपातकाल की घोषणा कर दी. जनरल मुशर्रफ के राषट्रपति बनने के बाद भारत-पाकिस्तान का चौथा युद्ध कारगिल में हुआ .