Friday, August 8, 2025

सिंधु जल संधि पर एक बार फिर करें विचार…भारत सरकार को पाकिस्तान ने लिखी चिट्टी

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Indus Water Treaty: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई सख्त कदम उठाए. वहीं भारत ने सिंधु जल संधि को रोकने का ऐलान किया था. भारत के इस कदम से पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है. अब फिर भारत के सामने पाकिस्तान गिड़गिड़ाने लगा है. पाकिस्तान ने भारत से अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने की गुहार लगाई है.

Indus Water Treaty – पाकिस्तान ने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने एक पत्र लिखा है. पत्र में पाकिस्तान ने अपील की है कि भारत के इस कदम से पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा हो सकता है. इसलिए इस निर्णय पर पुनर्विचार करे. पत्र में कहा गया कि पाकिस्तान इस मसले पर बात करने के लिए तैयार है.

PM मोदी ने दिया था सख्त संदेश

बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था. उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. उन्होंने कहा था कि भारत अब तीन नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. इस पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया है.

क्या है सिंधु जल समझौता
सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर 1960 को विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित एक जल बंटवारा समझौता है. यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों—सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज—के जल के उपयोग को नियंत्रित करता है. भारत से जाने वाला पानी सिंधु नदी के जरिये पाकिस्तान पहुंचता है जिसपर पूरे पाकिस्तान की लगभग 70 फीसदी आबादी निर्भर करती है. सिंधु के पानी से पाकिस्तान में लगभग 80 फीसदी सिंचाई का काम होता है. सिंधु नदी से आने वाले पानी से  पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ (लगभग 19 मिलियन हेक्टेयर) से अधिक भूमि की सिंचाई होती है जो पूरे पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा है.

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