वाराणसी : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा में नाव चलाए जाते हैं जिसमें पर्यटक बैठकर जीवनदायिनी गंगा नदी का आनंद लेते हैं. जाहिर तौर पर इन नावों में इंजन लगे होते हैं जिसमें डीजल का इस्तेमाल होता है लेकिन अब इन नावों में ज्यादातर सीएनजी के इंजन लगा दिए गए हैं.
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत मोदी सरकार ने नाविकों की सुविधा के लिए और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया था. सीएनजी से चलने वाली नाव से प्रदूषण तो कम हो ही रहा है साथ ही पर्यटकों को भी काफी मजा मिल रहा है. डीजल से चलने वाली नाव से गंगा में प्रदूषण बहुत होता था. आज की तारीख में 80 प्रतिशत नावें सीएनजी में कन्वर्ट कर दी गई हैँ. शेष नावों को सी एन जी में कन्वर्ट करने की कवायद चल रही है. देश का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन वाराणसी में सफलतम ढंग से काम कर रहा है.
वाराणसी में गंगा में कुल लगभग 4600 छोटी बड़ी नावें चलती हैं. जिसकी वजह से हजारो की संख्या में पर्यटक बोटिंग का आनंद लेते हैँ लेकिन पहले और अब में ख़ास अंतर यह है कि तब डीजल से चलने वाली नावों में शोर बहुत होता था और डीजल का धुआं निकलता था जिसकी वजह से प्रदुषण होता था लेकिन अब स्थिति यह है की ज़ब से नावों में सी एन जी किट लग गया है तब से शोर और प्रदूषण दोनों से पर्यटको को निजात मिल गयी है.
नाविकों को सीएनजी इंजन मुफ्त में दिया जा रहा है इसलिए नाविकों को अब पहले से ज्यादा आमदनी होने लगी है. वहीँ पर्यटकों को भी अब बोटिंग में पहले से ज्यादा मजा आने लगा है.