Thursday, April 24, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग KVIC ने नया कीर्तिमान स्थापित किया

देश में आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त करने वाले खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के मार्गदर्शन में पिछले 11 वर्षों में न केवल नई ऊंचाइयों को छुआ है, बल्कि करोड़ों ग्रामीणों के जीवन में नई रोशनी भी लाई है। पूज्य बापू की विरासत खादी अब सिर्फ कपड़ा नहीं रह गई है, बल्कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के निर्माण का प्रतीक बन गई है। ये बातें केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने सोमवार को नई दिल्ली के राजघाट स्थित कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए खादी और ग्रामोद्योग के अनंतिम आंकड़े जारी करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि केवीआईसी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्पादन, बिक्री और नए रोजगार सृजन का नया कीर्तिमान बनाया है। पिछले 11 वर्षों में बिक्री में 447 प्रतिशत, उत्पादन में 347 प्रतिशत और रोजगार सृजन में 49.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69% और उत्पादन में 314.79% की वृद्धि हुई है।

अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने और भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी, एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन और देश के सुदूर गांवों में काम करने वाले करोड़ों कारीगरों की अथक मेहनत को दिया। केवीआईसी के अध्यक्ष ने बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन 26109.07 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह 347 प्रतिशत की उछाल के साथ लगभग चार गुना बढ़कर 116599.75 करोड़ रुपये हो गया। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां बिक्री 31154.19 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह करीब पांच गुना बढ़कर 447 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ 170551.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो अब तक की सर्वाधिक बिक्री है। पिछले 11 वर्षों में खादी वस्त्रों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां खादी वस्त्रों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह 366 प्रतिशत बढ़कर साढ़े चार गुना बढ़कर 3783.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। खादी वस्त्रों की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल आया है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री मात्र 1081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह करीब साढ़े छह गुना बढ़कर 561 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7145.61 करोड़ रुपये हो गई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े मंच से खादी का प्रचार-प्रसार करने का खादी वस्त्रों की बिक्री पर व्यापक प्रभाव पड़ा है।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इस क्षेत्र में भी केवीआईसी ने पिछले 11 वर्षों में कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार 1.30 करोड़ था, वहीं 2024-25 में 49.23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 1.94 करोड़ तक पहुंच गया। खादी एवं ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां यहां कारोबार 51.02 करोड़ रुपये था, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह 115 फीसदी की उछाल के साथ लगभग दोगुना होकर 110.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के शुभारंभ के बाद से कुल 1018185 इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिसके लिए भारत सरकार ने 73348.39 करोड़ रुपये के ऋण के मुकाबले 27166.07 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की है। पीएमईजीपी के जरिए अब तक 90,04,541 लोगों को रोजगार मिल रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केवीआईसी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 25.65 करोड़ रुपये के बजट को 134 फीसदी बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में 60 करोड़ रुपये कर दिया है। ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत अब तक 39244 विद्युत चालित चाक, 227049 मधुमक्खी बक्से एवं शहद बस्तियां, 2344 स्वचालित एवं पैडल चालित अगरबत्ती निर्माण मशीनें, 7735 फुटवियर निर्माण एवं मरम्मत टूलकिट, 964 पेपर प्लेट एवं दोना निर्माण मशीनें, 3494 एसी, मोबाइल, सिलाई, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर टूलकिट, 4555 टर्नवुड, वेस्टवुड क्राफ्ट, लकड़ी के खिलौने बनाने वाली मशीनों के साथ ही 2367 ताड़ गुड़, तेलघानी एवं इमली प्रसंस्करण मशीनें वितरित की जा चुकी हैं। पिछले तीन वित्तीय वर्षों की बात करें तो वर्ष 2022-23 में कुल 22284, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 29854 तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक 37218 मशीनें एवं उपकरण वितरित किए जा चुके हैं। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने कुल 287752 मशीनें, टूलकिट और उपकरण वितरित कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

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