Tuesday, December 24, 2024

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के साइंटिफिक सर्वे मामले की सुनवाई 30 नवंबर को

प्रयागराज

ASI से पूछा क्या बिना नुकसान पहुचाये की जा सकती है कार्बन डेटिंग

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की कार्बन डेटिंग सहित साइंटिफिक सर्वे कराए जाने की मांग में दाखिल याचिका पर पुरातत्व विभाग से पूछा है कि क्या बिना क्षति पहुचाये कार्बन डेटिंग की जा सकती है.
कोर्ट ने कहा अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी यथास्थिति आदेश को देखते हुए साइंटिफिक सर्वे कराने की अर्जी खारिज की है .आशंका जताई गई है कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग माने जा रहे ढ़ांचे को क्षति पहुंच सकती है.
कोर्ट ने कहा गवाही नहीं हो सकती, और आकार को बिना नुकसान उसकी आयु का निर्धारण किया जाना जरूरी है.

कोर्ट ने राज्य सरकार के प्रमुख सचिव धर्मार्थ विभाग से भी जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 30 नवंबर को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने लक्ष्मी देवी व तीन अन्य की पुनरीक्षण याचिका पर दिया है.
याचिका पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बहस की. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना था कि साइंटिफिक सर्वे होने से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग सहित अन्य धार्मिक निर्माण की सही जानकारी मिल सकेगी. यह भी पता चल सकेगा कि वहां मिले शिवलिंग व अन्य मूर्तियां व धार्मिक वस्तुएं कितनी पुरानी है.
याचिकर्ताओं ने जिला अदालत वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग में अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने यह कहते हुए अर्जी 14अक्टूबर को खारिज कर दी कि ऐसा करने से निर्माण को क्षति पहुंच सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने परिसर की यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है.

याचिका में जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है

भारत सरकार की तरफ से अधिवक्ता मनोज सिंह ने तीन महीने का समय मांगा है, लेकिन कोर्ट ने 30 नवंबर तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता पंचम बिपिन बिहारी पांडेय को भी प्रमुख सचिव का हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.

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