Saturday, April 19, 2025

परंपरा और खुशियों का संगम: सतुआन के साथ बिहार में शहनाइयों का मौसम शुरू

आज भगवान सूर्य ने राशि चक्र की पहली राशि मेष में प्रवेश किया है. भगवान सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो गया है. आज पूरे उत्तर भारत, खासकर बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सतुआन का पर्व मनाया जा रहा है. इसे सत्तू संक्रांति भी कहा जाता है. बिहार के मुजफ्फरपुर में भी आज सत्तू संक्रांति बहुत धूममधाम से मनाई जा रही है.

सत्तू संक्रांति पर लोग कुलदेवताओं की पूजा कर उनको आटा, सत्तू, आम्रफल के साथ शीतल पेय जल, पंखा अर्पित अर्पित करते हैं. इस वैशाख मास को मधुमास भी कहा जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अपने पितरों को तर्पण किया जाता है. साथ ही क्षमता के अनुसार, लोग दान भी करते हैं.

सतुआन पर्व को लेकर जिले में चहल-पहल

सतुआन पर्व को लेकर जिले में चहल-पहल तेज है. बाजारों में हर चौक-चौराहों पर चने का सत्तू, जैव का सत्तू और मक्के के जैव का सत्तू जमकर बिक रहा है. बता दें कि सतुआन पर्व गर्मी का मौसम की शुरुआत होने को दर्शाता है. इस दिन से शरीर को शीतल रखने के लिए सत्तू, आम का पन्ना, बेल का शरबत, और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन शुरु हो जाता है. सतुआन के दिन से शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुरू हो जाते हैं.

खाई जाती हैं ये चीजें

इस दिन सत्तू, कच्चा आम, गुड़, दही, चना, और नीम के पत्ते विशेष रूप से खाए जाते हैं. कुल देवताओं के साथ-साथ भगवान सूर्य की पूजा होती है. तालाब या नदी में स्नान किया जाता है. इस दिन स्नान का बहुत अधिक महत्व है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news