रायपुर
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अपने राज्य में लोगों को बेहतर स्वास्थ उपलब्ध कराने के लिए स्पेशल ‘फूड प्लान’ तैयार किया है. इसके लिए सरकार ने 6 मंत्रालयों को काम पर लगा दिया है.
दरअसल नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में लोगों की खून में हीमोग्लोबीन की 50 फीसदी तक कमी है. लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जितना प्रोटीनयुक्त भोजन मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है. इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि स्कूलों,अस्पतालों, आंगनबाड़ी संस्थाओं में दाल,दूध और अंडे बांटे जायेंगे.इस पूरे कार्यक्रम में राज्य के कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा व सहकारिता विभाग सभी मिलकर काम करेंगे.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का कहना है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार हमारे यहां लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी है, इसलिए यहां के लोगों को प्रोटीनयुक्त भोजन की जरूरत है. बच्चों और महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाएं आंगनबाड़ी संस्थाओं और स्कूलों में मिड-डे-मील से पूरी होती हैं लेकिन पुरुषों के लिए ऐसी कोई योजना नहीं है.इसलिए इसपर काम करने की जरूरत है. इस नए फूड प्लान में सभी बिंदुओं पर समान एक साथ अमल होने पर ही उद्देश्य में सफलता मिल सकती है. स्वास्थमंत्री ने कहा कि फास्ट फूड के जमाने में स्वास्थ्य में परिवर्तन चिंता का कारण है.डक्टरों से सलाह ली जा रही है कि कैसे सभी को प्रोटीन रिच डाइट मुहैय्या कराई जाये .
छत्तीसगढ में हाल ही में सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई ,जिसमें दालों की खरीद समर्थन मूल्य पर करने की घोषणा की गई. इसकी वजह से इस साल ग्रीष्मकालीन धान का लक्ष्य जीरो कर दिया गया है.पिछले साल दो लाख 22 हजार 170 हेक्टेयर में किसानों ने धान बोया था.
बेहतर स्वास्थ के लिए मछली के उपयोग और मछली सप्लाई को लेकर मछली बैंक बनाने की योजना है.दूध और अंडों का उत्पादन नियमित रखने के लिए नये फूड प्लान को आंगनबाड़ी, अस्पतालों और स्कूलों में मिड डे मील से लिंक किया जाएगा.
योजना आयोग की टास्क फोर्स के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 75 फीसदी इलाके में धान बोया जाता है. चावल कार्बोहाइड्रेट से भरा खाद्य पदार्थ है. इससे शरीर को उर्जा तो मिलती है लेकिन शरीर के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन का पोषण नहीं मिल पाता है.
छत्तीसगढ में प्रोटीन वाली चीजें जैसे चना,अरहर, उड़द,तिवरा,मसूर,मटर आदि दलहन पदार्थ केवल 785 हेक्टेयर में बोई जाती है. दालों में 10 फीसदी तक प्रोटीन होता है.
नये फूड प्लान को लागू करने के लिए स्वास्थ विभाग प्रदेश में कई विभागों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहा है.