अयोध्या
श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में हर वर्ष भगवान श्रीराम औऱ जानकीजी के विवाह का आयोजन किया जाता है. पूरे रीति-रिवाज़ के साथ अयोध्या से बारात निकलती है और मां सीते के मायके जनकपुर(नेपाल) तक जाती है. धूमधाम से विवाह संपन्न होता है और बाराती लौट कर आयोध्या आते हैं. ये पूरा आयोजन विश्वहिंदु परिषद के सौजन्य से होता है. इसमें बाकायदा बड़ी संख्या में साधु महात्मा शामिल होते हैं.
लेकिन इस साल विश्व हिंदु परिषद के आयोजकों का कहना है कि इस बार राम विवाह तो होगा लेकिन बारात जनकपुर नहीं जायेंगी.
अयोध्या में राम विवाह की परंपरा
अयोध्या में परंपरा है कि हिंदु पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के दीपोत्सव के बाद अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को श्रीराम सीता के विवाह का आय़ोजन किया जाता है. इसके लिए बाकायदा लग्नपत्र लिखा जाता है और संत समाज के लोग इसे लेकर नेपाल के जनकपुर जाते हैं. इस साल विवाह का मूहुर्त 28 नवंबर को निकला है.इसलिए विवाह का आयोजन 28 नवंबर को ही होगा. अयोध्या में इसकी तैयारी भी शुरु हो गई है.
जनकपुर क्यों नहीं जायेगी बारात?
VHP के पंकज जी का कहना है कि 5 साल में एक बार अयोध्या से जनकपुर तक राम बारात जाती थी लेकिन सोचा गया कि 3 साल में बारात अयोध्या से जनकपुर तक जाया करें. बीच में 2 साल करोना काल में निकल गया, बड़ी परेशानी हुई .सीमाओं पर रोक टोक रही. 2019 में सोचा था 3 वर्ष में बारात निकाली जाए .यह नहीं हो पाया .इसलिए अब रामबरात अगले वर्ष ही जाएगी.
पहली बारात 2004 में जनकपुर गई, दूसरी बार 2009 में गई. तीसरी बारात 2014 में गई, चौथी बारात 2019 में गई.सोचा गया था कि अब 3 साल में ये आयोजन किया जायेगा लेकिन नहीं हो पाया, इसलिए अब बारात 2023 में ही जानकपुर जाएगी.
विश्व हिंदु परिषद के मुताबिक राम जी का विवाह 28 नवंबर को है, उसदिन 29 नवंबर को राम कलेवा होता है. उसी दिन शाम को सामूहिक विवाह का भी कार्यक्रम होता है. विवाह तो इस बार भी होगा. सामुहिक विवाह के लिए कन्याओं के नाम से रजिस्ट्रेशन होता है .उसमें अयोध्या से विवाह संबंधित कुछ सामग्रियां दी जाती है . सामग्रियां इस बार भी दी जायेगी और हम लोग भी विवाह में शामिल होंगे. कुछ संत भी विवाह समारोह में शामिल होंगे लेकिन बारात अयोध्या से नहीं जाएगी. अगले वर्ष 2023 में ही अयोध्या से जनकपुर जाएगी राम बारात.